इनके अनुसार ज़्यूरिख़ की सड़कों पर यौनकर्मियों के ग्राहकों के साथ सेक्स करने पर प्रतिबंध लग जाएगा.
इसके लिए ग्राहकों को सिटी सेंटर से दूर एक ऐसे इलाके में जाना होगा, जहाँ यौनकर्मी और ग्राहकों के लिए 'ड्राइव इन' सेक्स बूथ बनाए गए हैं.
वहाँ पर ऐसे कुल नौ बूथ बनाए गए हैं. इन बूथों में एक बार में केवल एक कार ही आ सकती है.
यौनकर्मियों के लिए काम करने वाली संस्था फ्लोरा डोरा की निदेशक उर्सला कोचर कहती हैं, ''शहर में ग्राहक यौनकर्मियों को आमतौर पर नजदीकी जंगल या शहर से बाहर लेकर जाते हैं. इस स्थिति में यौनकर्मी खुद को असुरक्षित पाती थीं.''
सुरक्षा अलार्म
इस अहाते के निर्माण पर 27 लाख डॉलर की लागत आई है. वहाँ यौनकर्मियों की सुरक्षा के लिए अलार्म लगाए गए हैं और सुरक्षा गार्ड तैनात हैं.
यहाँ पर यौनकर्मियों को सलाह देने के लिए सलाहकार भी मौजूद रहेंगे.
"वेश्यावृत्ति मूल रूप से एक धंधा है. हम इस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, इसलिए हम यौनकर्मियों और आम आबादी के पक्ष में इसे नियंत्रित करना चाहते हैं"
-माइकल हेरजिग, निदेशक सामाजिक सेवा
ज्यूरिख़ से पहले इसी तरह का एक प्रयास जर्मनी में हुआ था.
शहर में यौनकर्मियों के लिए सामाजिक सेवा के निदेशक माइकल हेरजिग कहते हैं, '' वेश्यावृत्ति मूल रूप से एक धंधा है. हम इस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, इसलिए हम यौनकर्मियों और आम आबादी के पक्ष में इसे नियंत्रित करना चाहते हैं.''
वो कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अपराध बढ़ जाएंगे.
स्थानीय अधिकारी मानते हैं कि उन्हें नहीं पता कि यह प्रयोग सफल होगा या नहीं लेकिन उन्हें यौनकर्मियों को इस स्थान का निरीक्षण करने के लिए मनाने में काफी मेहनत करनी पड़ी.
यहाँ आने वालों के लिए नियम भी बहुत साफ हैं, जैसे ग्राहक की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए, एक कार में एक ही व्यक्ति होना चाहिए और प्रयोग के बाद कंडोम को तत्काल कूड़ेदान में फेंकना होगा.
अनिवार्य लाइसेंस
ये नए नियम एक जनमत संग्रह के बाद लागू किए गए हैं
सरकार ने जो नई व्यवस्था बनाई है उसमें सभी यौनकर्मियों के लिए लाइसेंस लेना और स्वास्थ्य बीमा कराना अनिवार्य बना दिया गया है.
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए 2012 में एक जनमत संग्रह कराया गया. इसमें 52.6 फ़ीसदी लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया था.
अधिकारियों का कहना है कि ये कदम यौनकर्मियों की सुरक्षा और ज्यूरिख़ में शांति बनाए रखने के लिए उठाए गए हैं.
वहीं आलोचकों को इन नियमों की सफलता पर संदेह है. उनका कहना है कि इन सख्त नियमों से ग्राहकों में अरुचि पैदा हो सकती है.
स्विट्ज़रलैंड में पिछले साठ साल से वेश्यावृत्ति को क़ानूनी मान्यता मिली हुई है. यहाँ इस धंधे में शामिल अधिकांश महिलाए पूर्वी यूरोप की हैं.
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