इससे पहले ज़रदारी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में अपने कर्मचारियों को अपनी तरफ से विदाई भोज दिया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वो पूरे सम्मान के साथ अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा होने और पद छोड़ने पर बेहद खुश हैं.
ज़रदारी ने कहा कि उन्होंने सभी फैसले देश के हित में किए और अपने अधिकार संसद को सौंपे.
'नहीं बनूंगा प्रधानमंत्री'
पाकिस्तान के 67 साल के इतिहास में ज़रदारी पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपना पांच साल का राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा किया और उनकी जगह एक निर्वाचित राष्ट्रपति पद संभालेंगे.
ममनून हुसैन ज़रदारी का स्थान लेंगे.
"मैं प्रधानमंत्री बनने की कोशिश नहीं करूंगा. मेरे ख्याल से पार्टी चलाना प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है."
-आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तानी राष्ट्रपति
बतौर राष्ट्रपति ज़रदारी के कार्यकाल में पाकिस्तान को कई चुनौतियों को सामना करना पड़ा.
इस दौरान जहां पाकिस्तान में चरमपंथी हिंसा बराबर चुनौती बनी रही.
वहीं एबटाबाद शहर में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के अमरीकी सैन्य अभियान में मारे जाने के बाद अमरीका और अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हुए.
हाल ही में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए जिनमें ज़रदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा और पीएमएल (एन) के नेता नवाज शरीफ ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला.
जरदारी एक इंटरव्यू में कह चुके हैं, “मैं प्रधानमंत्री बनने की कोशिश नहीं करूंगा. मेरे ख्याल से पार्टी चलाना प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा महत्वपूर्ण है.”
राष्ट्रपति पद से हटने के बाद आसिफ अली जरदारी के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार संबंधी उन मुकदमों के फिर से खुलने की संभावना है जिनमें बतौर राष्ट्रपति उन्हें मिले संवैधानिक संरक्षण के कारण कोई अदालती कार्रवाई नहीं सकी थी.
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