जंग की तमाम बिसात बिछ जाने के बाद फौज और सरकार दोनों के कदम ठहर गए हैं और टकराव के हालात टालते जा रहे हैं. जरदारी फ्राइडे सुबह दुबई से अपने देश लौट आए. तख्तापलट की आशंकाओं के बीच पाकिस्तान के अवाम की सांसें थम गई हैं. अब बस सभी यही पूछ रहे हैं कि आज क्या होगा पाकिस्तान में?

सेना और सरकार में छिड़ी जंग की बिसात अब भी बिछी है. कियानी और गिलानी के बीच तलवारें अब भी खिचीं हैं, लेकिन शह और मात का कदम बढ़ाने के लिए न प्रधानमंत्री गिलानी तैयार हैं और न ही पाक फौज के मुखिया कियानी.

गौरतलब है कि गुरुवार को पाकिस्तान फौज के मुखिया जनरल अशफाक परवेज कियानी ने सेना के कमांडरों के साथ 10 घंटे तक अहम बैठक की थी, लेकिन इसके बाद बयान आया कि हालत कितने भी मुश्किल हो जाएं, पाकिस्तान की सेना इस पक्ष में कतई नहीं कि देश की संप्रभुता के साथ किसी हाल में समझौता किया जाए.

इस बयान से तो यही जाहिर होता है कि पाकिस्तान फौज फिलहाल तख्तापलट के मूड में नहीं है, लेकिन ये मौके की नजाकत को भांपते हुए कियानी की सियासी चाल भी हो सकती है. तमाम उथल-पुथल के बावजूद जब नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई तो उसमें गिलानी ने सेना पर कोई बयानबाजी नहीं की. एक नेता को श्रंद्धाजलि देने के बाद नेशनल असेंबली की बैठक शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई.

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