विचारों में प्रचंड शक्ति होती है। माना जाता है कि उत्कृष्ट विचारों की शक्ति से नरक को भी स्वर्ग बनाया जा सकता है। दार्शनिक इमरसन का कहना है- मेरी एक जेब में स्वर्ग है, तो दूसरी जेब में नरक। मुझे नरक में भेज दो, मैं उसे स्वर्ग बना दूंगा। महापुरुष उत्कृष्ट विचारों के बल पर प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल बना देते हैं। मनुष्य के जीवन में उत्थान-पतन, सम्मान-अपमान, सफलता और असफलता का मुख्य कारण पवित्र व सृजनकारी विचार तथा प्रदूषित व विध्वंसकारी विचार हैं।

महापुरुष परिस्थितियों को दास बना लेते हैं

आपकी सफलता-असफलता मात्र इस एक बात पर करती है निर्भर

विचार का संबंध मन से होता है। मन में हर पल निरंतर विचार उत्पन्न होते रहते हैं। अशुभ विचारों को छोड़कर जो शुभ विचारों को मन में स्थापित करने का निरंतर अभ्यास करते रहते हैं, वे महापुरुष के समान हो जाते हैं। हम सभी जिस वातावरण में रहते हैं, वहां की अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियां मनुष्य के मन को प्रभावित करती हैं और उसी अनुरूप सोचने-समझने के लिए भी विवश करती रहती हैं। महापुरुष परिस्थितियों के दास न बनकर परिस्थितियों को अपना दास बनाकर लक्ष्य तक पहुंचते हैं और स्वामी कहलाते हैं।

विचारों से ही सफलता

आपकी सफलता-असफलता मात्र इस एक बात पर करती है निर्भर

मन सर्वदा पतन की ओर ले जाती है, लेकिन महापुरुष उसकी दिशा को मोड़कर लक्ष्य के अनुरूप उसका सदुपयोग कर सुखद व उज्जवल भविष्य का निर्माण कर लेते हैं। विचारों के माध्यम से बड़े-बड़े परिवर्तन किए जाते हैं। विचारों के द्वारा क्रांतियां छेड़ी जाती हैं और वह सृजनकारी अभियान बनकर जनता-जनार्दन, देश-राष्ट्र के उत्थान-कल्याण का कार्य करते हैं। विचारों के कारण व्यक्ति सफलता के शीर्ष सोपान जा चढ़ते हैं और ख्याति के परचम फहराते व सम्मान पाते है। निकृष्ट विचारों के कारण व्यक्ति पतन के गहरे गर्त में गिर जाते हैं।

मुकेश ऋषि

अगर मानेंगे ये बात तो नहीं रूकेगा आपका कोई काम

जीवन मंत्र: ऐसे पा सकते हैं नकारात्मक सोच और कुंठा से मुक्ति

Spiritual News inextlive from Spiritual News Desk