ऐसा मिला था सुनने को

चंद दिनों पहले इस बात की अफवाह काफी तेजी के साथ लोगों के बीच फैली की 10 रुपये के सिक्के चलन में बंद होने वाले हैं। यही कारण रहा कि तब से ग्राहकों और दुकानदारों के बीच तीखी बहस होनी शुरू हो गई। वहीं इस अफवाह के पीछे हकीकत कुछ और ही थी। वह ये थी कि ये सिक्का बंद नहीं हुआ बल्कि नकली के फेर में असली सिक्का पिटने लगा। बैंकर्स का कहना था कि बाजार में 10 रुपये के कई नकली सिक्के आ गए। इन सिक्कों को बैंकों ने लेने से मना कर दिया होगा।

कोर्ट ने कहा ऐसा

वहीं अब लोगों के ऐसे रवैये को देखते हुए कोर्ट ने एक बेहद खास आदेश जारी किया है। पीलीभीत जिला जज ने आदेश पारित किया है कि अगर कोई 10 रुपये का सिक्का लेने से मना कर देता है तो उसपर राजद्रोह का केस चलेगा। यहां याद दिला दें कि बैंक साफ शब्दों में कह चुके हैं कि 10 रुपये के सिक्के बंद नहीं हो रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा था कि अगर कोई ये सिक्का लेने से मना कर देगा तो उस पर धारा 124ए (देशद्रोह) लगा दी जाएगी।

राजद्रोह होता है,सिक्‍के या रुपये लेने से मना करने पर,जानें असली-नकली की पहचान

ऐसी होती है पहचान

ऐसे में अब यहां चलन में 10 के सिक्कों को लेने से मना करने से अच्छा है कि हम बाजार में असली और नकली सिक्कों को पहचानें। ऐसा ही करके आप राजद्रोह से भी मुक्ति पा सकेंगे और बाजार में ठगे भी नहीं जाएंगे। आइए जानें क्या है नकली सिक्कों की पहचान :

1 . असली सिक्के पर रुपये का साइन है। वहीं नकली सिक्के पर सिर्फ 10 का अंक लिखा हुआ है।

2 . असली सिक्के पर 10 पट्टी बनी हुई है। वहीं नकली सिक्के पर 15 पट्टी बनी हुई हैं।

3 . असली सिक्के के दूसरी ओर असल में भारत और INDIA अलग-अलग लिखा हुआ है। वहीं नकली सिक्के पर एकसाथ लिखा हुआ है।

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