ये है FATCA
फटका यानी एफ.ए.टी.सी.ए.। इसके अंतर्गत भारत और अमेरिका के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वत आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाता है। दरअसल देश के वित्तीय संस्थानों को यहां की टैक्स अथॉरिटीज को सूचनाएं मुहैया करानी होती हैं। इन सूचनाओं को अमेरिका के साथ साझा किया जाता है। ऐसे में एफ.ए.टी.सी.ए. को लागू करने के लिए दोनों सरकारों के स्तर पर इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट या आईजीए नाम का समझौता हुआ। इस समझौते के तहत सभी वित्तीय संस्थानों को ये कहा गया कि वो एक निश्चित अवधि (2014 जुलाई से 2015 अगस्त) में खुले खाते के लिए सेल्फ सर्टिफाइड डॉक्यूमेंट्स जमा करवाएं।
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अपनाने होंगे ऐसे नियम
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) वाले अकाउंट धारक में से वह जिन्होंने 1 जुलाई 2014 के बाद अपना एनपीएस अकाउंट खुलवाया है, इनका प्रबंधन एनएसडीएल कर रहा है। ऐसे में एफएटीसीए के तहत सेल्फ सर्टिफिकेशन बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको ई-मेल या एसएमएस के जरिए सेल्फ सर्टिफिकेशन फॉर्म डाउनलोड करने का लिंक मिला होगा। इसको भरकर आपको इसकी हार्डकॉपी और साक्ष्य के तौर पर जरूरी दस्तावेजों को एनएसडीएल - सीआरए के पास जमा करानी होगी।
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म्यूचुअल फंड धारकों के लिए
11 अप्रैल 2017 को वित्त मंत्रालय की ओर से एक रिलीज जारी की गई। इस रिलीज के मुताबिक जुलाई 2014 से अगस्त 2015 के बीच जो भी अकाउंट खुले हैं, उनको 30 अप्रैल 2017 तक एफ.ए.टी.सी.ए. नियमों के तहत लाना बहुत जरूरी होगा। आपने अगर ऐसा नहीं किया तो इनसे आपका लेनदेन बंद कर दिया जाएगा। अब यहां आपको बता दें कि अपने संबंधित डीटेल्स भरने के लिए आप म्यूचुअल फंड के रजिस्ट्रार्स के लिंक्स पर क्लिक कर सकते हैं।
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सिर्फ इनको जरूरत है ध्यान देने की
अब आपको यहां ये भी बता दें कि फटका के लिए सभी को परेशान होने की जरूरत भी नहीं है। इससे जुड़ी समस्याएं सभी खाताधारकों को नहीं होने वाली हैं। ये सिर्फ उनके लिए है जिनके खाते 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले हैं। उनको ही एफ.ए.टी.सी.ए. के तहत नियमों का पालन करना होगा। ऐसे में अकाउंट होल्डर अगर टैक्स रेजिडेंसी के डीटेल्स या सेल्फ सर्टिफिकेशन देने में असफल रहे तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के पास आपके खातों को ब्लॉक कर दिया जाएगा। हां, यहां ये जरूर है कि एक बार ब्लॉक करने के बाद जरूरी दस्तावेज देने पर अकाउंट को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। इसके विपरीत जब तक आपका अकाउंट शुरू नहीं हो जाएगा तब तक आपको असुविधा का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर ये प्रावधान उन्हीं खातों पर लागू होंगे जो एफएटीसीए नियमों के दायरे में होंगे।Business News inextlive from Business News Desk
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