लखनऊ (एएनआई)। होली के बाद योगी सरकार ने पूरे उत्तर प्रदेश में माफिया और अपराधियों के खिलाफ डबल अटैक शुरू कर दिया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्य की जांच एजेंसियों के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने भी माफिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कावी की क्राइम से अर्जित संपत्ति का हिसाब लेने गुरुवार को सीबीआई की टीम कौशाम्बी पहुंची। जांच एजेंसियों को मिले इनपुट्स में यह बात भी सामने आई है कि गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद कई वारदातों में अपने पुराने भरोसेमंद शूटरों की मदद लेता है। अतीक का ऐसा ही एक पुराना शूटर अब्दुल कावी है जो पिछले 14 साल से पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
करोड़ों की संपत्ति का हिसाब
उमेश पाल हत्याकांड में भी उसके शामिल होने के संकेत मिले हैं, जिसके बाद कौशांबी जिले के जमालपुर भाखंडा में कावी के तीन करोड़ के अवैध मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया। अब्दुल कावी के करीबी दोस्तों द्वारा अवैध रूप से हासिल की गई करोड़ों की संपत्ति का हिसाब लेने के लिए दो सदस्यीय सीबीआई जांच दल कौशांबी जिले की मंझनपुर तहसील पहुंचा। इसमें कहा गया है कि उमेश पाल हत्याकांड के तार 18 साल पहले प्रयागराज में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड से भी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं।
कावी के बारे में कई सवाल
इसकी पड़ताल करने के लिए सीबीआई की जांच टीम कौशांबी के मंझनपुर तहसील पहुंची। दिल्ली से आए दो अधिकारियों ने तहसीलदार भूपाल सिंह से करीब ढाई घंटे तक बात की। इसके साथ ही माफिया अतीक के शूटर रहे अब्दुल कावी के बारे में कई सवाल पूछे गए। सीबीआई ने शूटर अब्दुल कावी के परिवार की चल और अचल संपत्ति के राजस्व रिकॉर्ड के बारे में भी जानकारी जुटाई है। सीबीआई तहसील अभिलेखागार में भी गई जहां उसने एसडीएम मंझनपुर से जमालपुर भखंडा और रकसराय गांवों के भू-अभिलेखों का ब्लूप्रिंट लिया।
कार्रवाई की प्रक्रिया दोबारा शुरू
इसमें शूटर अब्दुल कावी के पिता अब्दुल अजीज, अब्दुल गनी, पत्नी कनीज फातिमा, भाई अब्दुल वली, उनकी पत्नी फैजिया बानो, भाई अब्दुल कादिर, उनकी पत्नी बुशरा, भाई अब्दुल मुघानी और उनकी पत्नी शाहीन के कागजात शामिल हैं। कहा जा रहा है कि होली के त्योहार के दौरान रुके बुलडोजर के पहिए अब फिर से चलेंगे। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान के मुताबिक अतीक अहमद गैंग से जुड़े तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की पीडीए द्वारा तैयार की गई सूची के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया दोबारा शुरू होने जा रही है।
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