भोपाल (आईएएनएस)। Project Cheetah : भारत के 'प्रोजेक्ट चीता' को तब एक और झटका लगा, जब बुधवार को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक और चीते की माैत हो गयी। मृत चीते की पहचान 'धात्री' के रूप में की गई। इसके साथ ही पिछले सात महीनों में भारतीय धरती पर जन्मे तीन चीतों समेत कुल नौ चीतों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, धात्री (सभी 20 चीतों को भारतीय नाम दिए गए थे और 'तिब्लिसी' को 'धात्री' नाम दिया गया था) को बेहोश पड़ा देखा गया था और जब उसकी जांच की गई तो उसकी मौत हो गई।

आटोप्सी रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कारण

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक उसकी मौत का सही कारण सामने नहीं आया है, जो आटोप्सी रिपोर्ट के बाद पता चलेगा। जुलाई के सेकेंड वीक में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दो बड़े चीते 'तेजस' और 'सूरज' की माैत के बाद 20 दिनों के भीतर कूनो नेशनल पार्क में मरने वाला यह तीसरा वयस्क चीता है। 17 सितंबर, 2022 और 18 फरवरी को दो चरणों में 20 रेडियो कॉलर चीतों को छोड़े जाने के बाद से केएनपी में अब तक कुल नौ चीतों की मौत हो चुकी है।

इस तरह से हुयी इन चीतों की माैत

चीता 'सूरज' दक्षिण अफ्रीका है जिसे 18 फरवरी को केएनपी में छोड़ा गया था। यह पार्क के मसावानी बीट में मरा पाया गया था। इससे पहले, 10 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका का ही साढ़े पांच साल का तेजा मरा पाया गया था। नामीबियाई चीता 'ज्वाला' के चार नवजात शावकों में से तीन की 23 से 25 मई के बीच जन्म के समय कम वजन और अत्यधिक गर्मी से हुयी जटिलताओं के कारण माैत हो गई। इससे पहले, नामीबिया की छह वर्षीय मादा चीता 'साशा' की 27 मार्च को किडनी इंफेक्शन के कारण डेथ हो गई थी। 23 अप्रैल को, दक्षिण अफ्रीका के 'उदय' नाम के एक नर की अपने बाड़े में लड़खड़ाते हुए देखे जाने के बाद माैत हो गई। दक्षिण अफ्रीका के ही 'दक्ष' की 9 मई को दक्षिण अफ्रीका के ही दो वयस्क चीतों के साथ करीब आने पर लगी चोटों के कारण माैत हो गई।

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