पीड़ित किशोरी ने बताया कुछ ऐसा
पीड़ित किशोरी ने बताया कि ISIS के दुष्कर्मियों की यौन मांग को जब वह पूरा नहीं कर पाती थी तो चाबुक से उसकी पिटाई की जाती थी. यही नहीं उसकी जांघ पर खौलता पानी डालकर उसके कड़ी यातनाएं भी दी जाती थीं. 17 साल की यजीदी किशोरी ने इन आतंकियों के साए में बिताए उन भयानक नौ महीनों की पूरी दास्तां सुनाई. उसने बताया कि कुंवारी लड़कियों की नीलामी हुई. उस नीलामी में उसे और उसकी बहन को बेच दिया गया था. नीलामी में उन दोनों को ISIS ने खरीद लिया. इसके बाद आतंकियों ने हर दिन उनसे दुष्कर्म किया. अभी फिलहाल यह किशोरी तीन महीने की गर्भवती है.
दी गईं गहन यातनाएं
एक समाचार पत्र से मिली जानकारी पर गौर करें तो इस किशोरी के लिए इन नौ महीनों में से हर एक दिन उसे जिंदगी और मौत में से किसी एक को चुनना होता था. इन आतंकी लड़ाकों व उनके अंगरक्षकों की यौन इच्छाओं की तृप्ति न होने पर उस किशोरी को गहन यातनाएं दी जाती थीं. बताया गया है कि आतंकियों की ओर से इराक के सिंजर कस्बे पर अधिकार पाने के बाद बीते साल अगस्त में इस किशोरी को अगवा किया गया था.
और ऐसे भागी ये किशोरी आतंकियों के चंगुल से
उसके बाद उसे सीरिया के रक्का में लाया गया. किशोरी ने उन नौ महीनों की भयावहता के बारे में बताया कि कुंआरी लड़कियों को एक कमरे में ले जाया गया, जहां 40 पुरुषों ने एक-एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया. इस किशोरी को मूल रूप से चेचेन्या के अल-रसिया ने खरीदा गया था. बताया जा रहा है कि कुर्दिश सैनिकों संग लड़ाई में अल-रसिया व उसके अंगरक्षकों की मौत हो गई. खबर मिलते ही यह किशोरी अन्य लड़कियों के साथ वहां से भाग निकलने में सफल रही. वहां से भाग के आने के बाद इस किशोरी ने अपनी पूरी दर्दनाक आपबीती सुनाई.
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