नई दिल्ली (आईएएनएस/एएनआई)। स्पेशल एनआईए जज प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को आजीवन कारावास सुनाया है। एनआईए कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी किया है। उसे दो मामलों में आजीवन कारावास सुनाया गया है। एक मामला उसके द्वारा राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ने और दूसरा मामला उसके खिलाफ यूएपीए सेक्शन 17 आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाना है।


जांच एजेंसी ने की फांसी की मांग
सजा सुनाने से पहले मलिक ने कोर्ट में दलील दी कि यदि खुफिया एजेंसियां उसका आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता साबित कर दें तो वह फांसी की सजा स्वीकार कर लेगा। एनआई कने विशेष अदालत में कहा कि कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन का जिम्मेदार है। साथ ही जांच एजेंसी ने मलिक द्वारा किए गए अपराधों के लिए फांसी की मांग की।
यासीन मलिक पर लगाए गए आरोप
10 मई को मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह खुद पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ मुकदमा नहीं लड़ेगा। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो उसने खुद पर लगाए आरोप स्वीकार कर लिए थे। उस पर यूएपीए के सेक्सशन 16 आतंकी गतिविधि, 17 आतंकियों के लिए फंड जुटाने, 18 आतंकी गतिविधियों के लिए साजिश करना और 20 आतंकी संगठन का सदस्य होने के आरोप थे। इसके अलावा उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी आपराधिक साजिश और धारा 124-ए देशद्रोह के भी आरोप लगाए गए थे।

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