आडवाणी ने साथ में यह भी कहा है कि सिन्हा जेल से निकलें और झारखंड को बिजली संकट से निकालने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन की अगुवाई करें.
यशवंत सिन्हा से जेल में मुलाक़ात कर लौटे आडवाणी ने कहा, "उन्हें भाजपा के निष्ठावान समर्थकों से सहयोग और सम्मान मिल रहा है इसलिए उन्हें न केवल झारखंड बल्कि राष्ट्रीय स्तर के भाजपा नेताओं की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और जेल से बाहर आना चाहिए."
आडवाणी ने झारखंड में पत्रकारों को बताया कि इस साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए यशवंत सिन्हा सही व्यक्ति हैं.
उन्होंने कहा, "यशवंत सिन्हा ने छोटे गांवों के हित में ऐतिहासिक आंदोलन छेड़ा... गरीब ग्रामीणों की जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने जो कदम उठाए हैं, मैं उसकी तारीफ करता हूं. वे सबकी प्रशंसा और समर्थन के हकदार हैं."
इसके बाद वे बोले, "संभवतः इससे पहले झारखंड में भाजपा के किसी दूसरे नेता ने इतना महत्वपूर्ण आंदोलन कभी खड़ा नहीं किया था."
सुशासन और कुशल नेतृत्व
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा करते हुए कहा, "ये आंदोलन झारखंड जैसे प्रदेश के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यहां अब तक कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है. अगर इस तरह का आंदोलन भाजपा ने पहले किया होता तो प्रदेश की सूरत ही कुछ और होती."
ये पूछे जाने पर कि क्या भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने झारखंड की राजनीति में सक्रिय बने रहने के लिए यह आंदोलन किया है, आडवाणी ने जवाब दिया, "क्यों नहीं?"
वे कहते हैं, "इस साल के अंत में झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की अगुवाई में वे सक्षम हैं. वे प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य व्यक्ति हैं. यहां सुशासन और कुशल नेतृत्व की आवश्यकता है. विशेष तौर पर उस स्थिति में जब देश में 2014 के चुनाव ने ऐतिहासिक फैसला दिया है."
आडवाणी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय मौजूद थे.
यशवंत सिन्हा दो जून से हज़ारीबाग़ में बिजली संकट को लेकर किए गए आंदोलन के दौरान बिजली विभाग के महाप्रबंधक के साथ कथित बदसलूकी के आरोप में जेल में बंद हैं. सिन्हा इस मामले में मुचलका देने से इनकार कर रहे हैं और जेल में ही हैं.
आडवाणी 'स्टेट सेल' भी गए जहां उन्होंने जय प्रकाश नारायण और आजादी के दूसरे सिपाहियों को अपनी श्रद्धांजलि दी.
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