कहानी :
ROFLI (Roll on floor laughing unintentionally)

समीक्षा:
हाँ भाई समझ में आ गया, देओल परिवार के त्रिदेव यमला पगला दीवाना है, और सदा रहेंगे, कयामत ऐसी ही चीजों को कहते हैं, जैसी बे सर पैर की ये फिल्म है. ये समझ लीजिए कि अब तक जो भी देओल खानदान के ट्रेडमार्क टोटके रहे हैं, वही आपको फिर से देखने को मिलेंगे। ये किरदार जो लिखे हए वो काफी क्रीपी है। ऊपर से छिछोरे भी, हाँ मानते हैं की पंजाबी मनमौजी होते हैं, पर इस फिल्म में क्लीशे दर क्लीशे हर पुंजबियों का दिखाया जाता है। और जाने कहाँ किसी कबाड़ी की दुकान से उठा कर सड़ते हुए जोक्स उठा कर चिपका दिया है, न कहानी चाहिए न स्क्रीनप्ले, किरदार इतने खराब लिखे गए हैं कि मत पूछो, ये सभी मर्द मेल शोवनिस्ट तो हैं ही ऊपर से महाडम्ब हैं, किरदार इतने बौड़म काम करते हैं कि आपका मन करता है कि या तो स्क्रीन को या खुद को आग लगा लो...कोई इतना अनलाइकवल कैसे हो सकता है। बैकग्राउंड म्यूजिक उसके ऊपर का सर दर्द है।

 

अदाकारी :
चंदन का लेप लगाने से त्वचा कम उम्र की दिखती है, देओल बंधुओं से आग्रह है कि इस आयुर्वेदिक विधि को अपनाइए, क्या पता चमत्कार ही हो जाये, कहीं आप ही क्यूरियस केस ऑफ बेंजामिन बटन न बन जाये। या फिर एक बेहतर CGI आर्टिस्ट ले लीजिए, आज कल तो ग्राफिकेली क्या नहीं हो सकता, खंडर महल बन जाते हैं। या फिर उम्र के हिसाब से बढ़िया रोल भी चुन सकते हैं। हम सब जानते हैं कि आप तीनों कमाल के एक्टर हैं, और आपको हम कितनी ही फिल्मों में सराह चुके हैं, उन्हें इस तरह की वकवास फिल्म में देख कर दर्द होता है।

मूवी देखने के बाद बहुत इरिटेटेड फील कर रहा हूँ, इस मैं और क्या क्या कहूँ अब आप जानिए और अपने टेस्ट के हिसाब से देख लीजिये की आप किस तरह की फिल्म के शौकीन हैं

रेटिंग : 1 STAR

Review by : Yohaann Bhaargava

Twitter : yohaannn

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