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KANPUR : यामी गौतम को फिल्म इंडस्ट्री में आए सात साल पूरे हो गए हैं। सात साल पहल ही उनकी पहली फिल्म विकी डोनर आई थी और इस फिल्म ने अपने यूनीक कंटेंट की वजह से ऑडियंस को खासा इंप्रेस किया था। गॉडफादर जरूरी नहीं जब उनसे सवाल किया गया कि बड़े और बेहतर रोल्स उन लोगों तक नहीं पहुंच पाते जिनके गॉडफादर नहीं होते तो यामी ने जवाब दिया, 'मुझे नहीं लगता कि ये सच है।'

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टैलेंट ही अल्टीमेट है

यामी गौतम ने आगे कहा, 'जिस तरह से एक-एक साल बीत रहा है, ये प्रूव हो गया कि टैलेंट ही अल्टीमेट है और आज के दौर की जरूरत भी। कभी-कभी ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति किसी की मदद से कुछ सालों में अचीवमेंट हासिल कर लेता है लेकिन कभी-कभी ये भी होता है कि दूसरा व्यक्ति बिना किसी हेल्प के उससे कम वक्त में ही सक्सेस हासिल कर ले।'

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आउटसाइडर्स को भी मिल रहे चांस

यामी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'हां लेकिन जब आपके पास सपोर्ट होता है तो आपके पास एक फिल्म फ्लॉप हो जाने के बाद दूसरी फिल्म मिल जाने का चांस ज्यादा होता है। बस यही एक बात है जो आउटसाइडर्स के फेवर में नहीं होती। एक डिफरेंट कॉन्सेप्ट वाली फिल्म से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली यामी कहती हैं कि सिर्फ एक फिल्म चल जाने से कुछ  नहीं होता। लगातार अच्छा काम करना जरूरी है और उसके लिए बहुत ध्यान से फिल्मों का सिलेक्शन करना चाहिए। किसी भी एक्टर के लिए कंसिस्टेंसी इंपॉर्टेंट है और उसे वैसा ही काम चूज करना चाहिए जो उसे सबसे बेस्ट तरीके से सूट करे। मेरे ख्याल से तभी सही मायनों में एक एक्टर अपने करियर में सक्सेस को हासिल कर सकता है।'

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