कानपुर। भारत बनाम साउथ अफ्रीका के बीच पुणे में खेले गए दूसरे टेस्ट में भारतीय विकेटकीपर रिद्घिमान साहा ने शानदार विकेटकीपिंग दिखाकर फैंस का ध्यान अपनी ओर खींचा। मैच के दौरान साहा ने कई हैरतअंगेज कैच पकड़े। एक कैच तो उन्होंने उड़ते हुए एक हाथ से लपका जिसके बाद हर कोई उन्हें सुपरमैन साहा कहने लगा। बता दें साहा को रिषभ पंत की जगह टीम में शामिल किया गया है और आते ही उन्होंने सबको हैरत में डाल दिया।
Fly & Catch - Saha Style https://t.co/ETbaFqoTOd
— SAHIL GUPTA (@meetsahil) 13 October 2019
पश्चिम बंगाल के छोटे से गांव में हुआ जन्म
24 अक्टूबर 1984 को पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव में जन्में रिद्धिमान साहा का पहला प्यार क्रिकेट ही है। बचपन में वह पढ़ाई से ज्यादा खेलने पर ध्यान देते थे। यही वजह है कि वह ज्यादा शिक्षा हासिल नहीं कर पाए मगर टीम इंडिया में अपनी जगह पाकर काबिलियत का परिचय दे दिया। साहा ने भारत के लिए 34 टेस्ट खेले जिसमें उनके नाम 1185 रन दर्ज हैं। इसमें 3 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने 9 मैचों में सिर्फ 41 रन बनाए। हालांकि टी-20 इंटरनेशनल खेलने का मौका कभी नहीं मिला। वैसे आईपीएल में वह काफी उपयोगी हैं। 175 आईपीएल मैचों में उनके नाम 2840 रन दर्ज हैं। वह उन चुनिंदा भारतीय बल्लेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने आईपीएल में शतक लगाया।
जब 20 गेंदों में ठोंक दिया शतक
इंटरनेशनल क्रिकेट में साहा भले ही विस्फोटक बल्लेबाज नहीं माने जाते मगर एक क्लब क्रिकेट में उन्होंने तूफानी पारी खेलकर सभी को चकित जरूर कर दिया था। मार्च 2018 में साहा ने अपने क्लब मोहन बगान के लिए खेलते हुए जेसी मुखर्जी ट्रॉफी के एक मुकाबले में बीएनआर रीक्रिएशन क्लब के खिलाफ 20 गेंदों पर धमाकेदार 102 रन की पारी खेल डाली। उनकी इस पारी में 4 चौके और 16 छक्के शामिल थे। टी20 क्रिकेट में 17 गेंदों पर शतक बनाने का आधिकारिक रिकॉर्ड है। मगर क्लब क्रिकेट में साहा सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। ऐसे पहली बार नहीं है जब साहा ने टी20 प्रारूप में शतक लगाया हो। इससे पहले भी उन्होंने वर्ष 2014 के आइपीएल फाइनल में 55 गेंदों पर नाबाद 115 रन की पारी खेली थी।
2010 में किया था इंटरनेशनल डेब्यू
भारतीय बल्लेबाज रिद्धिमान साहा पहली बार साल 2010 में टीम में शमिल हुए थे। रिद्धिमान भी एक विकेटकीपर हैं ऐसे में जब तक धोनी रहे तो उनकी टीम में जगह पक्की नहीं हो पाई। 2014 में जब धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया तब रिद्धिमान बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय टेस्ट टीम में शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं।
फॉर्मूला वन ड्राइवर था सपना
साहा के बारे में एक और दिलचस्प बात है कि वह बचपन से फॉर्मूला वन ड्रावइर बनने का सपना देख रहे थे। लेकिन फाइनेंशियली प्रॉब्लम के चलते उनका यह सपना पूरा न हो सका। कॉलेज के दिनों में साहा पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट में ध्यान लगाने लगे। ऐसे में उन्होंने अपना ग्रेजुएशन भी बीच में छोड़ दिया ताकि बेहतर क्रिकेटर बन सके।
पिता भी रह चुके हैं खिलाड़ी
रिद्धिमान साहा के पिता प्रशांत भी फुटबॉल और क्रिकेट खेला करते थे। लेकिन वह अपने करियर को ज्यादा लंबा नहीं ले जा सके और बाद में बिजली विभाग में नौकरी कर ली।
सोशल मीडिया पर मिला प्यार
साहा शादीशुदा हैं और उनकी लव स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग है। साहा की अपनी पत्नी देब्रती से पहली बार दोस्ती आर्कुट के जरिए हुई थी। फिर दोनों ने चार साल तक डेट किया और फाइनली 2011 में शादी की। साहा ने अपनी शादी को काफी प्राइवेट रखा था और पार्टी में सिर्फ नजदीकी लोगों को इनवाइट किया था।
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