लखनऊ (ब्यूरो)। अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आपने के दो दिन बाद सोमवार को मंदिर आंदोलन के नायक रहे पूर्व सीएम कल्याण सिंह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने अयोध्या में श्रीराम मंदिर को रोटी के साथ जोड़ने की बात कही। साथ ही अयोध्या के सर्वागीण विकास के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने जल्द अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाने की बात कही।
फैसला समावेशी और न्यायसंगत
पौत्र व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संदीप सिंह के आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कल्याण सिंह ने कहा कि नौ नवंबर 2019 का दिन बेहद खास रहा। मंदिर पर आए ऐतिहासिक फैसला का हर किसी को लंबे समय से इंतजार था। यह फैसला समावेशी और न्यायसंगत है। इसे किसी एक पक्ष की जीत या हार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये। सिंह ने आगे कहा कि करीब 500 वर्ष पुराना विवाद खत्म हुआ है। एएसआई की रिपोर्ट की प्रति दिखाते हुए कल्याण सिंह ने कहा कि कोर्ट ने किसी साक्ष्य की अनदेखी नहीं की। यह सबकी जीत है और मेरे जैसे करोड़ों लोगों का सपना भी साकार हुआ है। कोर्ट के फैसले से सभी वर्ग संतुष्ट हैं और पूरा देश निर्णय का अभिनंदन कर रहा है। यही वजह है कि फैसले को लेकर किसी ने भी विरोध में आवाज नहीं उठाई।
विकास से लोगों की पूरी हो मुराद
कल्याण ने राम मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त होने के साथ रामनगरी अयोध्या के विकास को लेकर भी चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि मंदिर ऐसा बनना चाहिए, जिसे पूरी दुनिया देखने को आए और अयोध्या का विकास ऐसा हो कि स्थानीय लोगों की मुरादें पूरी हों। लगे कि यही राम की नगरी है। सीएम योगी पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि रामनगरी का सर्वागीण विकास होगा, इसमें उन्हें कोई शक नहीं है।
ढांचा गिरने की कीमत अदा कर चुका हूं
कल्याण सिंह ने बाबरी ढांचा गिरने को कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पाने से जोड़ते हुए कहा कि इसकी कीमत तो मैं 6 दिसंबर, 1992 को ही अदा कर चुका हूं। अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए ढांचा गिरने के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बताया कि मंदिर मुद्दे पर वह एक दिन का कारावास भी तिहाड़ जेल में काट चुके है। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के आरोप में सजा सुनाई थी।
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