इस जहाज़ का नाम प्रील्यूड है जिसे दक्षिण कोरिया में उतारा गया है.
पूरी तरह बनकर तैयार होने के बाद प्रील्यूड अपनी क़िस्म का सबसे बड़ा जहाज़ होगा जिसका वज़न छह लाख टन है.
ऊर्जा और पेट्रोलियम रसायनों की कंपनी शेल का कहना है कि उसका ये जहाज़ वर्ष 2017 से प्राकृतिक गैस के उत्पादन में मदद देने लगेगा.
शेल का ये भी कहना है कि वो इस जहाज़ का अगले 25 वर्ष तक ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिमी तट पर इस्तेमाल करेगी.
तूफ़ानों का मुक़ाबला
ये दुनिया का वो इलाक़ा है जहां हर वर्ष नवम्बर में चक्रवाती तूफ़ान आते हैं जो अप्रैल तक अपना असर दिखाते हैं.
लेकिन प्रील्यूड को इस तरह तैयार किया गया है कि वो इन तूफ़ानों का डटकर सामना कर सकेगा.
उम्मीद है इस इलाक़े से इतनी गैस का उत्पादन किया जाएगा जो हांगकांग जितने बड़े किसी शहर की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा कर सकती है.
शेल ने ये नहीं बताया कि इस जहाज़ की लागत पर कितना ख़र्च आया है, लेकिन जानकारों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि इसकी लागत 10.8 बिलियन डॉलर से 12.6 बिलियन डॉलर के बीच होगी.
प्रील्यूड अपने आकार के मामले में रिकॉर्ड तोड़ चुका है और शेल का कहना है कि उसने अब इससे भी बड़े जहाज़ पर काम शुरू कर दिया है.
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