एड्स जागरुकता फैलाना है मकसद

देबनाथ ने ‘अराउंड द वल्र्ड आन बाइसाइकिल’ अभियान की शुरुआत 2004 में एचआइवी एड्स के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से की थी. उनकी योजना वर्ष 2020 तक 191 देशों की यात्रा करने और भारतीय संस्कृति पर अनेक सेमिनार आयोजित करने की है. 15 अगस्त को वह सऊदी अरब पहुंचेंगे.

एक घटना ने डाला असर

खलीज टाइम्स को दिए साक्षात्कार में  देबनाथ ने बताया, ‘जब मैं 14 साल का था, तो अखबार में एक एचआइवी पीडि़त व्यक्ति की खबर पढ़ी थी, जिसे उसके परिवार वालों ने मरने के लिए छोड़ दिया. इस घटना ने मेरे दिलोदिमाग पर बहुत असर डाला था. मेरे स्कूल के अध्यापक भी इस घातक बीमारी के बारे में मेरे सवालों के जवाब नहीं दे पाते थे. तब मैंने वेस्ट बंगाल स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी से प्रशिक्षण हासिल करने का फैसला लिया.’ 16 साल की उम्र में उन्होंने एड्स को लेकर जागरुकता अभियान शुरू किया.

बॉयोलॉजी में ग्रेजुएट

जीव विज्ञान में स्नातक देबनाथ बताते हैं कि महज 422 रुपये के साथ उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत भारत से की. अपनी यात्रा के दौरान मिले लोगों के सहयोग से देबनाथ पश्चिम बंगाल में एक वैश्विक गांव की स्थापना करना चाहते हैं. यह एक ऐसी जगह होगी, जहां दुनियाभर के पारंपरिक घरों को एक ही परिसर में स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा,‘ कोलकाता में ऐसा पहला घर जिसे मैंने पीपुल हाउस का नाम दिया है, लगभग तैयार हो गया है. लोग यहां आकर एक सप्ताह के लिए रह सकते हैं.’ देबनाथ के दोस्त छह भाषाओं में उनका ब्लॉग संचालित करते हैं और फेसबुक पेज को अपडेट करते हैं. 

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