हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पूरी दुनिया में सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। केदारनाथ मंदिर से भी अधिक ऊँचाई पर होने के कारण यहां साल के अधिकतर समय बर्फ गिरती रहती है। सिर्फ जून से लेकर सितम्बर महीने के लास्ट तक श्रद्धालु और टूरिस्ट्स यहां आते हैं। हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह ने करीब 20 सालों तक यहां तपस्या की थी। यहां हिमालय की चोटियों के बीच चारों ओर बर्फ के पहाड़ हैं। सर्दियों में बंद रहने के बाद अब यह गुरुद्वारा श्रद्धालुओं के लिए खुल चुका है। आइए देखें हेमकुंड साहिब यात्रा की मनमोहक खूबसूरती।
हेमकुंड साहिब के ट्रैकिंग रूट की शुरूआत गोविंदघाट से होती है। हेमकुंड तक की पूरी चढ़ाई करीब 20 किलोमीटर की है, घांघरिया गांव से हेमकुंड साहिब तक करीब 7 किलोमीटर की दूरी में कई जगहों पर बर्फ काटकर रास्ता बनाया जाता है।। बेस स्टेशन से टूरिस्ट फूलों की घाटी यानि Flowers Valley भी जा सकते हैं। यह घाटी एक संरक्षित क्षेत्र है जहां गर्मी के मौसम में ही जाने की परमीशन होती है।
हेमकुंड साहिब के रूट पर प्रकृति के मनोरम नजारे देखने को मिलते हैं।
हेमकुंड की यात्रा में गर्मी के मौसम में भी बर्फ से ढके हुए खूबसूरत पहाड़ मन को एक अजब सी शांति प्रदान करते हैं।
कठिन चढ़ाई के कारण हेमकुंड यात्रा मार्ग पर लोग हाथों में छड़ी लेकर चलते हुए नजर आते हैं।
15 हजार फुट की ऊँचाई पर ग्लेशियर्स की बर्फ को आप नजदीक से देख सकते हैं।
हेमकुंड साहिब का ट्रैकिंग रूट काफी मुश्किल और घुमावदार है।
कठिन चढ़ाई करके तब श्रद्धालु और टूरिस्ट्स हेमकुंड साहिब तक पहुंचते हैं तो यहां का पवित्र और मनोरम नजारा उनकी सारी थकान को काफूर कर देता है।
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यह है हेमकुंड लेक जिसमें स्नान करके श्रद्धालु गुरुद्वारे में दर्शन करते हैं।
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हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में सिख संगत के मधुर भजन सुनते हुए दर्शन करके श्रद्धालु खुद को निहाल करते हैं। वीडियो में देखें हेमकुंड साहिब के कुछ और शानदार नजारे।
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