World Blood Donor Day 2021: विश्व रक्तदाता दिवस 2005 से हर साल 14 जून को मनाया जाता है, दुनिया भर में रक्त दाताओं को धन्यवाद व्यक्त करने के लिए और अधिक लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह दिन सेलिब्रेट होता है। कोरोना वायरस महामारी के बीच स्वैच्छिक रक्तदान कई गुना कम हो गया है। इसका कारण कोविड-19 का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव है। पिछले साल अप्रैल 2020 में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए वर्ल्ड वाइड लाॅकडाउन के एक महीने बाद इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ने कहा था कि स्वैच्छिक रक्तदान में लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट आई है।

ब्लड डोनर को इन नियमों को पालन जरूरी

भारत सरकार ने 25 मार्च, 2020 को जारी अपने दिशा-निर्देशों में महामारी के बीच रक्तदान करने के योग्य होने के लिए डाेनर के लिए निम्नलिखित मानदंड सुझाए हैं। भारत सरकार कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार 'जोखिम वाले डोनर' को रक्तदान करने से रोकती है। ब्लड डोनेट करने के लिए डोनर की 28 दिनों में कोई टे्रैवेल हिस्ट्री (घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय) नहीं होना चाहिए। डोनर का किसी कोविड-19 रोगी के संपर्क में रहने का इतिहास नहीं होना चाहिए इसके अलावा ब्लड डोनेट करने से चार हफ्ते पहले कोरोना की चपेट में नहीं होना चाहिए।

रक्तदान स्थल के लिए भी जारी किए निर्देश

इसके अलावा सरकार ने विशेष प्रोटोकॉल भी निर्दिष्ट किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके की रक्तदान स्थल रक्तदान के लिए सुरक्षित रहे। दिशानिर्देशों में संक्रमण नियंत्रण के अन्य उपायों जैसे हाथ की स्वच्छता, खांसी, कोविड ​​​​-19 के किसी भी पुष्टि या संदिग्ध मामले के निकट संपर्क से बचने और इस्तेमाल किए गए दस्ताने, मास्क, टोपी के सुरक्षित निपटान के साथ-साथ रक्तदान स्थल में सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया गया है।

पहला विश्व रक्त दाता दिवस 2004 में मना था

विश्व रक्तदाता दिवस रक्त की कमी को पूरा करने और रक्तदान को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। पहला विश्व रक्त दाता दिवस 2004 में मनाया गया था, जिसे 2005 में 58th विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा वार्षिक वैश्विक आयोजन के रूप में नामित किया गया था। विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक, कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था।

National News inextlive from India News Desk