लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती
हाइपरलूप चुंबकीय शक्ति पर आधारित तकनीक है। जिसके तहत खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है।
1100-1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
हाइपरलूप ट्रेन में घर्षण बिल्कुल नहीं होता, लिहाजा इसकी रफ्तार 1100-1200 किलोमीटर प्रति घंटे या फिर इससे ज्यादा हो सकती है। इसमें बिजली का खर्च बहुत कम है। इसमें प्रदूषण बिल्कुल नहीं है।
दुनिया की पहली हाइपरलूप भारत में चलेगी
दुनिया की पहली हाइपरलूप सबसे पहले भारत में चलेगी। हाइपरलूप मुंबई और पुणे के बीच में दौड़ेगी। इसके चलने से इन दोनों शहरों के बीच की 150 किलोमीटर की दूरी महज 20 मिनट में पूरी हो जाएगी।
हवाई सफर के किराए के बराबर होगा किराया
हाइपरलूप ट्रेन से हर साल 15 करोड़ यात्री सफर कर पाएंगे। हालांकि हाइपरलूप ट्रेन में सफर का किराया साधारण ट्रेनों की तुलना ज्यादा होगा। इसका किराया हवाई सफर के किराए के बराबर होने की संभावना है।
वर्जिन समूह महाराष्ट्र सरकार संग रणनीति
वर्जिन समूह ने इसके लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ पूरी रणनीति तैयार कर ली है। शुरू में परीक्षण के तौर पर ट्रैक बनेंगे। इसके चलने से हाइपरलूप परिवहन प्रणाली से पूरी परिवहन प्रणाली में बदलाव होगा।
अमेरिका और दुबई में भी चलाने की तैयारी
महाराष्ट्र में इस प्रोजेक्ट से वहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि अभी तक इस परियोजना का कोई ब्योरा सामने नहीं आया है। भारत के अलावा अमेरिका और दुबई में भी हाइपरलूप ट्रेन को चलाने की तैयारी है।रेलवे में बंपर भर्ती के साथ एक और खुशखबरी, ज्यादा उम्र वाले भी कर सकेंगे अप्लाई
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