कुएँ में फँसीं 38 वर्षीय सू छिशियू पंद्रह दिनों तक कुएं में पड़ी कच्ची मक्का खाकर और बरसात का पानी पीकर जीवित रहीं.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार यह घटना हेनान प्रांत के चोंगफेंग गाँव में घटी थी.
दमकलकर्मियों ने सोमवार को इस महिला को इस कुएँ से बाहर निकाला. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.
यह कुआँ चारों तरफ मक्के के पौधे से ढँका हुआ था इसलिए सू को बाहर से देख पाना मुश्किल था.
कुएँ की दीवारें बहुत चिकनी थीं इसलिए उन पर चढ़ना मुश्किल था. सू के रिश्तेदार उन्हें खोज रहे थे लेकिन वो उन्हें नहीं मिलीं.
स्थानीय अखबार 'डाहे डेली' के अनुसार यह हादसा तब हुआ जब सू मक्के के खेतों में एक औषधि खोज कर रही थीं.
'हिम्मत नहीं हारी'
सू जब कुएँ में फिसली तो उन्होंने मक्के के पेड़ों को पकड़ लिया ताकि गिरने से बच सकें. इस तरह मक्के के कुछ पौधे भी उसके साथ कुएँ में गिर गए.
सू ने अख़बार को बताया, "कुएँ में खाने के लिए कुछ था नहीं इसलिए मैं कच्चा मक्का खाकर जीवित रही."
उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करती थी कि कोई आएगा और मुझे बचाएगा. मैं रोज़ मदद के लिए पुकारती थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता था. फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी."
"सू को कोई प्रत्यक्ष चोट नहीं लगी है लेकिन वो अभी भी न बोल पा रही है, न ही खा पा रही है."
-शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी, चीन
16 सितंबर को जब एक ग्रामीण मक्के की कटाई कर रहा था तब उसने सू की आवाज़ सुनी और फिर मदद के लिए दमकल कर्मियों को बुलाया गया.
सू के पति ली छुनमिंग ने पत्रकारों को बताया कि इन पंद्रह दिनों में सू का वजन काफी कम हो गया है.
ली ने कहा, "पहले उसका वजन 52 किलोग्राम था. मुझे डर है कि अब उसका वजन 36 किग्रा भी नहीं होगा."
शिन्हुआ के अऩुसार सू को कोई प्रत्यक्ष चोट नहीं लगी है लेकिन वो अब भी नहीं बोल पा रही है और न ही खा पा रही है. लेकिन उनकी हालत स्थिर है और वह तरल आहार ग्रहण कर रही है.
इस साल जुलाई में दक्षिणी-पश्चिमी चीन में पाँच लोगों की कुएँ में गिरने से मौत हो गई थी.
यह हादसा तब हुआ था जब लांगया गाँव में एक किसान कुएँ में गिर गया था और उसे बचाने की कोशिश में चार अन्य लोग भी कुएँ गिर गए.
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