वे अक्षय की तरह कोई ख़तरनाक एक्शन स्टंट्स तो नहीं करेंगी लेकिन छेड़छाड़ करने वालों को 'अच्छा ख़ासा सबक़' सिखाएंगी. कम से कम अक्षय कुमार का तो यही दावा है. अक्षय कुमार ने महिलाओं के लिए एक ऐसा ही सेल्फ़ डिफ़ेंस स्कूल खोला है.
'मुजरिमों को मिले सज़ा'
अकसर कहा जाता है कि लोग अपने सामने हो रहे ग़लत कामों के ख़िलाफ़ भी आवाज़ नहीं उठाते. अक्षय कुमार ने एक ऐसे ही वाकये का ज़िक्र किया. वो कहते हैं, "मैं एक दफ़े अपने दोस्त के साथ बाइक पर जा रहा था. हम लोग मीठीबाई कॉलेज के सामने से गुज़र रहे थे. तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी जिसे कुछ लड़के छेड़ रहे थे."
उन्होंने आगे कहा, "मैं बाइक से उतरा और मैं थोड़ा हिंसक हो गया और मैंने उस लड़के को मारा. मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था. मैं इस बात में यक़ीन रखता हूं कि जब तक लफ़ाड़ो नहीं, कोई नहीं सुधरता."
देशभर में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर अक्षय कुमार ने कहा, "ऐसे घिनौने अपराध के लिए उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए. सरकार को कड़े क़दम उठाने चाहिए और जब तक ऐसे मामलों पर कड़े फ़ैसले नहीं लिए जाएंगे, हालात नहीं सुधरने वाले हैं."
उनका कहना है , "मैं आर्मी बैकग्राउंड से हूं. मेरा पिता आर्मी में थे और मैं मानता हूं बलात्कार के आरोपियों के साथ बड़े सख्त तौर तरीक़े अपनाने की ज़रूरत है. अगर चीज़ें मेरे हाथ में होती तो मैं ऐसे लोगों के साथ बड़े अलग तरीक़े से पेश आता."
खेल और कारोबार
बॉलीवुड कलाकारों की खेल में बढ़ती दिलचस्पी पर अक्षय कुमार क्या सोचते हैं. शाहरुख़ ख़ान ने क्रिकेट की टीम ख़रीदी तो अभिषेक बच्चन ने कबड्डी की टीम. अक्षय कुमार क्यों इन मामलों में पीछे रह गए?
उनका जवाब कुछ यूं आया, "देखिए मेरे लिए खेल पैसे कमाने का ज़रिया नहीं है. मैं आईपीएल में आ सकता हूं, एक टीम ख़रीद सकता हूं, मैं सब कुछ कर सकता हूं. पर मैं किसी ऐसी चीज़ में क्यों जाऊं जो पहले से ही काफ़ी बड़ी है. इससे अच्छा तो ये होगा कि मैं किसी ऐसी चीज़ को अपने समय दूं जो क्रिकेट के मुक़ाबले छोटी है."
उन्होंने कहा, "मार्शल आर्ट्स एक ऐसी चीज़ है जो सबको बहुत फ़ायदा पहुंचाएगी और इसे आप आत्मरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं."
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