अभी तक माना जाता था कि यहां ये लत सिर्फ पुरुषों में ही है, लेकिन पाकिस्तानी महिलाओं में भी सिगरेट पीने की लत तेज़ी से बढ़ी है.
कॉलेज छात्रा जिवेरिया बताती हैं कि पहले उनके लिए सिगरेट खरीदना मुश्किल होता था. उन्हें डर लगता था कि दुकानदार कह देगा कि आपको नहीं बेचेंगे, लेकिन अब ऐसी बात नहीं है.
वैसे वह बताती हैं कि आज भी दुकानदार आदमियों के मुकाबले औरतों को सिगरेट देते समय घूरते हैं. देखते हैं कि क्या मांग रही है.
कोने की तलाश
हालांकि जिवेरिया खुलेआम सिगरेट नहीं पी सकती हैं. इसके लिए उन्हें किसी सुनसान जगह या कोने की तलाश करनी पड़ती है.
उन्हें तंबाकू का सेवन करते हुए पांच साल हो गए हैं और काफी कोशिशों के बावजूद ये लत उनका पीछा नहीं छोड़ रही है.
जिवेरिया बताती हैं, "पाकिस्तान में महिलाओं को अक्सर किसी जगह पर छिपकर सिगरेट पीनी पड़ती है, क्योंकि खुलेआम सिगरेट पीने पर लोग घूरते हैं. सामाजिक रूप से इसे स्वीकार नहीं किया गया है."
रावलपिंडी के तंबाकू बाजार में कम कीमतों पर सौ से अधिक किस्म की तंबाकू उपलब्ध हैं और यही वजह है कि यहां तंबाकू कारोबार चमक रहा है.
तंबाकू का बाजार
एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल एक लाख टन से अधिक तंबाकू की बिक्री होती है. थोक बाजार में एक दुकान की एक दिन की कमाई तीन से पांच हजार रुपए है.
कम कीमतों के बावजूद महिलाएं थोक बाजार से सिगरेट खरीदना कम पसंद करती हैं और वे खुदरा बाजार से ही सिगरेट या तंबाकू उत्पाद खरीदती हैं.
पाकिस्तान में महिलाओं के सिगरेट पीने को खराब समझा जाता है, लेकिन इसके बावजूद महिलाओं में तंबाकू की लत नौ प्रतिशत तक जा पहुंची है.
तंबाकू सेवन के खिलाफ अभियान चलाने वाले नदीम इकबाल के मुताबिक इस लत में बढ़ोत्तरी की खास वजह तंबाकू सेवन के विज्ञापनों पर पाबंदी न होना है. इसके साथ ही इनको नियंत्रित करने की सरकारी कोशिशें भी नाकाफी हैं.
कंपनियों का प्रचार
नदीम बताते हैं, "महिलाएं पहले भी सिगरेट पीती थीं, लेकिन अब उनका प्रतिशत तेजी से बढ़ता जा रहा है. आज वयस्कों में प्रति दो पुरुष के मुकाबले एक महिला सिगरेट पी रही हैं. इसमें बुजुर्ग शामिल नहीं हैं."
वह बताते हैं कि, "ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. तंबाकू उद्योग उन्हें ये बता रहा है कि तंबाकू सेवन के साथ महिला सशक्तिकरण होता है. उनकी छवि एक शक्तिशाली महिला की बनती है."
नदीम के मुताबिक पाकिस्तान में फैशन उद्योग और नाटकों के जरिए सिगरेट युवाओं में अपने लिए जगह बना रही है.
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