TOKYO: धार्मिक रूप से पवित्र माने जाने वाले जापान के ओकिनोशिमा द्वीप को यूनेस्को ने विश्व धरोहर (वल्र्ड हेरिटेज साइट) घोषित किया है। इस आइलैंड (द्वीप) पर सिर्फ पुरुषों को प्रवेश की इजाजत है यानी महिलाओं को यहां जाने की अनुमति नहीं है। यही नहीं, इस पर आने वाले पुरुषों को समुद्र तट पर जाने से पहले अपने पूरे कपड़े उतारने पड़ते हैं।
कहां है ये आइलैंड?
दक्षिण-पश्चिम क्यूशू द्वीप और कोरियाई प्रायद्वीप ओकिनोशिमा के बीच स्थित यह द्वीप चौथी शताब्दी तक समुद्री सुरक्षा के लिए प्रार्थना स्थल और चीन व कोरिया के बीच संबंधों का केंद्र था। पोलैंड में रविवार को यूनाइटेड नेशंस के संगठन यूनेस्को की सालाना बैठक में 700 वर्ग मीटर में फैले इस द्वीप, इससे लगते तीन रीफ और चार अन्य संबंधित स्थलों को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। इस सूची में अब जापान के सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।
एक शर्त ये भी…
ओकिनोशिमा पर जाने वाले लोगों को वहां की कोई भी यादगार चीज अपने साथ लाने की इजाजत नहीं है। वहां से कंकड़-पत्थर और घास तक लाने की मनाही है। महिलाओं के प्रवेश पर रोक समेत पुराने समय से चली आ रहीं सभी पाबंदियां आज भी इस द्वीप पर मानी जाती हैं।
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लैंगिक भेदभाव नहीं है वजह
-वैसे ये पाबंदी लैंगिक भेदभाव के कारण नहीं है।
-दरअसल, ये आइलैंड मेनलैंड जापान से कुछ दूर है ऐसे में यहां पहुंचने के लिए समुद्र मार्ग से रास्ता तय करना होता है।
-पहले के जमाने में महिलाओं के लिए समुद्री रास्ते को तय करना सही नहीं माना जाता था क्योंकि इसमें जान का जोखिम काफी ज्यादा था।
-बस तभी से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है।
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रियो डी जेनेरियो का पोर्ट भी शामिल
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में स्थित एक पोर्ट (बंदरगाह) को भी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। 1779 में निर्मित वेलोंगो वार्फ को तीन सदी तक संचालित किया गया। यह उस दौर में ब्राजील में लाखों अफ्रीकी गुलामों के प्रवेश का सबसे व्यस्त केंद्र था।
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