ऐसी है जानकारी
जी हां, ये बिल्कुल सच है। इस महिला का नाम है माइकी वैन टोंडर है। दरअसल बताया गया है कि इस महिला को ये शेरनी उस समय मिली थी, जब ये नन्ही बच्ची थी। उस वक्त नन्ही शेरनी अपनी मां से बिछड़ गई थी।
माइकी उस नन्ही शेरनी को उठाकर अपने घर ले आई। इतना ही नहीं, उसने उसे अपने बिस्तर पर सोने भी दिया। ताकि वो पूरी रात उस पर निगरानी रख सकें। माइकी ने इस शेरनी का नाम एल्सा रखा।
जैसे-जैसे वो बड़ी हुईं, एल्सा भी बड़ी होती गई और उनके करीब आती गई। अब वो माइकी के पालतू कुत्तों के साथ खेलती और इन्हीं लोगों के साथ रहती है।
माइकी ने उसे खेलने के लिए आजाद कर दिया। इस दौरान दो बड़े शेरों के साथ खेलते वक्त एल्सा के गले में गंभीर चोट आ गई। डॉक्टरों ने उसका दो घंटे का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद उसको फिर से प्रॉब्लम होने लगी।
उसकी ऐसी हालत को देखकर माइकी उसे जोहानिसबर्ग के पास रूडपूर्ट में स्िथत एक अस्पताल में ले गईं। यहां उसकी समस्या पर उपचार देने से पहले उसका MRI किया गया।
अब उसका महंगा उपचार होना है। इसके लिए पैसे जुटाना माइकी के लिए बड़ा काम था, लेकिन उन्होंने उसकी मां की तरह शेर के जैसे कपड़े पहने और ट्रैफिक लाइट्स पर उसके ट्रीटमेंट के फंड के लिए पैसे इकट्ठा करने के लिए चली गईं।
शेर और इंसान के बीच इतने गहरे रिश्ते को कायम रखने वाली माइकी कहती हैं कि बड़ी सी बिल्ली सरीखी इस शेरनी के साथ सोना बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है।
उन्होंने कहा कि वो हर रोज रात में उनके साथ खेलती है और सोती भी है। उनका ऐसा मानना है कि उसके साथ उनका बहुत अच्छी नींद आती है।
Courtesy by Mail Online
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