औरंगाबाद (पीटीआई)| महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक बुजुर्ग महिला को वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि उसके बेटे ने कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी के कारण उसकी देखभाल करने में असमर्थता जता दी है। बता दें कि करीब 60 साल की किरण पारदीकर ने कई साल पहले अपने पति को खो दिया था और सिलाई का काम करके अपने बेटे का पालन-पोषण किया, लेकिन आज उसे बेटे के कारण ही ऐसे दिन देखने पड रहे हैं।
बुजुर्ग महिला के बेटे का व्यापार लॉकडाउन में हुआ चौपट
औरंगाबाद जिले के पुंडलिकनगर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक घनश्याम सोनवणे ने पीटीआई को बताया कि किरण के बेटे ने आजीविका कमाने के लिए पुणे में एक अदालत के पास एक बुक स्टॉल लगाया था, लेकिन पिछले साल तालाबंदी के बीच उसका व्यवसाय पूरी तरह रुक गया। इसी बीच अपनी बहू से मतभेद के चलते परदीकर कुछ समय तक अलग रहने लगी और उनके बेटे ने मां के लिए किराए पर एक कमरा और खाने के टिफिन की व्यवस्था कर दी।
60 साल की किरण ने वृद्धाश्रम जाने के लिए पुलिस से मांगी मदद
सोनवणे ने कहा, "महिला ने हाल ही में हमसे संपर्क किया और अपने बेटे की आर्थिक स्थिति को समझने के बाद वृद्धाश्रम भेजने के लिए मदद मांगी। हम उसके लिए नए कपड़े लाए और उसे यहां के 'मातोश्री वृद्धाश्रम' में समायोजित करने के लिए संस्थान को एक पत्र दिया है। संपर्क करने पर वृद्धाश्रम के प्रबंधक सागर पगोरे ने कहा कि परदीकर 11 जून को पुलिस के एक पत्र के साथ उनके आश्रम में आयीं थीं। पगोर ने बताया, कि "किरण अब हमारे साथ है। उसके बेटे ने भी एक पत्र दिया है जिसमें कहा गया था कि वह अपनी मां को अपनी खराब वित्तीय स्थिति के कारण नहीं रख सकता है और हमसे उसे वृद्धाश्रम में रहने देने का अनुरोध किया।"
मां ने बेटे की भलाई की खातिर किया यह काम
शनिवार को किरण पारदीकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके बेटे की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में "वह अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल करे या मेरी। इसको लेकर वह काफी परेशान है। उसे कुछ महीने पहले एक निजी नौकरी मिली, लेकिन ज्यादा कमाई नहीं हुई। किरण ने यह भी बताया कि जब मेरा बेटा मेरे खान पान की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं था, तक मेरे कमरे के मालिक ने अनाज आदि के साथ मेरी मदद की थी।
महिला ने कहा कि Covid-19 महामारी ने तमाम लोगों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, "लोगों की नौकरियां जा रही हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है। मैं भगवान से मेरे बेटे को खुश रखने की प्रार्थना करती हूं।"
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