न्यूयाॅर्क (पीटीआई)। अभी तक की स्टडी के मुताबिक, मेड्रक्सिव की एक पोस्ट में कहा गया है कि एक 36 महीने 3 दिन की प्रेग्नेंट महिला को माॅडर्ना एमआरएनए वैक्सीन की सिंगल डोज दी गई थी। तीन सप्ताह बाद उस महिला ने एक बेबी गर्ल को जन्म दिया जिसका जन्म के तुरंत बाद ब्लड सैंपल लिया गया। अध्ययन के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ कि इस नवजात शिशु में एसएआरएस-कोव-2 के खिलाफ एंटीबाॅडी मौजूद है।
स्तनपान करा रही महिला को दी गई वैक्सीन की दूसरी डोज
यूएस स्थित फ्लोरिडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी में स्टडी के को-ऑथर्स पाॅल गिलबर्ट तथा चाड रुडनिक ने कहा, 'मां को वक्सीन देने के बाद नवजात शिशु के काॅर्ड ब्लड में एसएआरएस-कोव-2 आईजीजी एंटीबाॅडी यह पहला मामला जानकारी में आया है।' डाॅक्टरों ने कहा कि शिशु सिर्फ मां के स्तनपान पर ही निर्भर है। वैक्सीनेशन प्रोटोकाॅल के मुताबिक, 28 दिनों बाद महिला को वैक्सीन की दूसरी डोज दे दी गई है।
नवजात शिशु में संक्रमण से सुरक्षित रहने की क्षमता
इससे पहले के अध्ययन में कोविड रिकवर मां के प्लेसेंटा से पता चला कि उसके भ्रूण में एंटीबाॅडी तो मिले लेकिन वे उम्मीद से काफी कम थे। मौजूदा रिसर्च के मुताबिक, यदि गर्भवती मां को वैक्सीन दी जाए तो उससे जन्म लेने वाले नवजात में एसएआरएस-कोव-2 से संक्रमित होने का खतरा काफी कम हो जाएगा और उस शिशु में संक्रमण से सुरक्षित रहने की क्षमता होगी।
प्रेग्नेंट महिलाओं व नवजात शिशुओं पर अभी और अध्ययन की जरूरत
गिलबर तथा रुडनिक ने कहा कि वैक्सीनेटेड मां से जन्म लेने वाले शिशुओं में एंटीबाॅडी मिलने के मामले में अभी लंबे समय तक स्टडी करने की जरूरत है। बाल रोग विशेषज्ञों ने स्टडी में कहा, 'नवजात शिशुओं में एंटीबाॅडी और मां को वैक्सीन देने के समय के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है। अभी शोधकर्ताओं को कोविड-19 वैक्सीन ले चुकी प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा उनके नवजात शिशुओं की कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता और सेफ्टी को लेकर स्टडी करने की जरूरत है।'
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