शुक्रवार को खेले गए दोंनो सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले काफ़ी संघर्षपूर्ण रहे.
जोकोविच ने अर्जेंटिना के ख़्वान मार्टिन डेल पोट्रो को 7-5, 4-6, 7-6 (7-2), 6-7 (6-8), 6-3 से और मरे ने पोलैंड के येज़ी यानोविच को 6-7 (2-7), 6-4, 6-4, 6-3 से हराया.
उम्मीदों का दबाव
एंडी मरे लगातार दूसरी बार विंबलडन फ़ाइनल में पहुंचे हैं. पिछले साल फ़ाइनल में वे रॉजर फ़ेडरर से हार गए थे.
अगर वे रविवार को होने वाले फ़ाइनल में जीत जाते हैं तो 77 साल में ये खिताब जीतने वाले वो पहले ब्रितानी पुरुष खिलाड़ी बन जाएंगे. साल 1936 में फ्रेड पेरी विंबलडन एकल खिताब जीतने वाले आखिरी ब्रितानी थे.
एंडी मरे और क्लिक करें यानोविच का सेमीफ़ाइनल मैच तीसरे सेट के बाद रोशनी कम होने की वजह से कुछ देर रोकना पड़ा और सेंटर कोर्ट की छत बंद करनी पड़ी.
हालांकि मरे को इस बात से शिकायत की लेकिन फिर शानदार खेल का प्रर्दशन करते हुए उन्होंने मैच अपने नाम कर लिया.
जीत के बाद मरे ने बीबीसी स्पोर्ट से कहा, " ये एक बहुत मुश्किल मैच था और विंबलडन में मैंने इस साल जितने भी मैच खेले उन सब से बिल्कुल अलग था."
सबसे लंबा सेमीफ़ाइनल
वहीं शीर्ष वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच का ये लगातार 13वां ग्रैंड स्लैम सेमीफ़ाइनल था.
रविवार को अगर वे जीतने में क़ामयाब होते हैं तो ये उनका सातवां ग्रैंड स्लैम और दूसरा विंबलडन खिताब होगा.
शीर्ष वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच और आठवीं वरीयता प्राप्त डेल पोट्रो के बीच मैच विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा पुरुष सेमीफ़ाइनल है. ये मैच चार घंटे 44 मिनट तक चला.
इससे पहले साल 1989 में बोरिस बेकर और इवान लेंडल के बीच सबसे लंबा सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला हुआ था जिसे बेकर ने जीता था.
मैच जीतने के बाद जोकोविच ने कहा, "ये मेरे अब तक के सबसे शानदार मैचों में से एक था."
पहला सेमीफ़ाइनल लंबा खिंचने की वजह से मरे और यानोविच के बीच दूसरा मैच भी देर से शुरु हुआ.
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