फ़्रांस की राष्ट्रीय संसद में इस आशय का एक नया महत्वाकांक्षी विधेयक पेश होने वाला है और इस पर विवाद भी जारी है.
ये विधेयक सत्ताधारी सोशलिस्ट पार्टी (पीएस) पेश करने वाली है, जिसमें 20 से ज्यादा धाराएं हैं. इसका ज़ोर वेश्यावृत्ति के विदेशी नेटवर्क को तोड़ने के साथ ऐसे सेक्स वर्कर्स की मदद करने पर है जो ये काम छोड़ना चाहती हैं.
हालांकि फ़्रांस में इसकी दूसरी धाराओं पर उतनी चर्चा नहीं है जितनी कि इस बात पर अब वेश्यावृत्ति के लिए नकेल ग्राहकों पर कसी जाएगी.
अगर ये पारित होता है तो सेक्स के लिए पैसा देना अपराध होगा. जो दोषी पाया जाएगा, उस पर 1500 यूरो (2006 डॉलर यानि एक लाख बीस हजार 360 रुपए) का आर्थिक दंड होगा-लेकिन अगर ये अपराध वह दोबारा करता है तो आर्थिक दंड भी दोगुना हो जाएगा.
साथ ही दोषी को वेश्यावृत्ति पर जागरूकता कोर्स भी करना होगा जैसा कि यूरोप और अमरीका में शराब पीकर ड्राइविंग करने के मामलों में दोषियों के साथ किया जाता है.
वैसे इस बिल के पास होकर क़ानून में बदलने के काफ़ी आसार बताए जा रहे हैं.
'हम वयस्कों की तरह रहना चाहेंगे'
फ़्रांस में वर्ष 2011 के आख़िर में भी ऐसा प्रस्ताव संसद में पेश किया गया था, जिसे वाम और दक्षिणपंथी पार्टियों का समर्थन भी हासिल था. उस पर वोटिंग भी हुई. लेकिन कम संसदीय समय के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई.
लेकिन अपराध की दोषी वेश्याओं की जगह ग्राहकों को बनाया जाना बड़ा नीतिगत और सामाजिक बदलाव होगा. 27 नवम्बर को इस मामले पर संसद में बहस होनी है लेकिन उससे पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर बहस का बाज़ार गर्म है.
इस मामले में सबसे ज़्यादा विरोध अनापेक्षित क्षेत्रों से हो रहा है.
पिछले हफ्ते पुरुषों के एक ग्रुप ने एक याचिका पर साइन किया था. लेखक फ़्रेडरिक बिगबेडर की अगुवाई में ''343 सलाद्स'' (गंदे सुअर) नामक ग्रुप ने निजी दायरे में घुसपैठ के लिए सासंदों की आलोचना की है.
ग्रुप का कहना है, ''हम मानते हैं कि हरेक को अपने हुस्न को बेचने का अधिकार है और इसका आनंद लेने का भी. हम स्वतंत्रता, साहित्य और अंतरंगता को प्यार करते हैं. जब शासन आपकी गोपनीयता में भी दख़ल देने लगे तो समझ लीजिए ये ख़तरनाक है... हम वयस्कों की तरह रहना चाहेंगे.''
ये याचिका जानबूझकर उत्तेजक थी. प्रतिक्रिया भी रोषपूर्ण और फ़ौरन आई.
सोशलिस्ट पार्टी के अनुसार ''सलाद्स'' की याचिका चौंकाने वाली और प्रतिक्रियावादी थी..
इस पर महिलाओं से संबंधित संगठनों ''डेयर टू बी फेमिनिस्ट'' और ''एन सेसिल मेलफर्ट'' ने कहा कि ये ऐसे 343 वर्चस्ववादी पुरुषों का काम है जो न केवल वेश्यावृत्ति का बचाव करना चाहते हैं बल्कि पैसे के बदले स्त्री शरीर के इस्तेमाल को बरक़रार रखना चाहते हैं.
343 पुरुषों के इस ग्रुप ने हालांकि स्पष्ट किया कि पैसा देकर सेक्स केवल पार्टनर की सहमति से होना चाहिए. हालांकि उन्होंने हिंसा, शोषण और मानवीय तस्करी की निंदा की.
'ग्राहकों के साथ रिश्ते ख़राब होंगे'
इस बिल का विरोध वो लोग भी कर रहे हैं जो वेश्याओं के साथ काम करते हैं. उनका कहना है कि ग्राहकों को अपराधी ठहरा देने के क़ानून के आने के बाद ये पूरा कारोबार दबे-छिपे होने लगेगा. क़ानून से शायद ही इसे रोका जा सके. क़ानून बनने के बाद वेश्यावृत्ति को विदेशी गैंग मुख्य तौर पर नियंत्रित कर सकते हैं.
एक अनुमान के अनुसार फ़्रांस में क़रीब 20 हज़ार वेश्याएं हैं, जिसमें से 90 फ़ीसदी विदेशी मूल की हैं.
कुछ लोगों का तर्क है कि हो सकता है कि इस क़ानून के बाद से सड़कों से होने वाला व्यापार नहीं हो लेकिन ये इंटरनेट आधारित वेश्यावृत्ति को कौन रोकेगा? माना जा रहा है कि वेश्यावृत्ति की ज्यादा मांग अब नेट के ज़रिए ही पूरी होगी.
बहुत सी वेश्याएं भी क़ानून का विरोध कर रही हैं, उनका कहना है कि उन्होंने लंबे समय से अपने ग्राहकों के साथ जो रिश्ते बनाए हैं, उन पर ख़राब असर पड़ेगा.
बहरहाल जिस तरह से ''सॉस्यूर'' और ''343 सलाद्स'' जैसे संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया है, वो एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है.
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