सोनिया वॉन मीटर को लगता है कि अगले दस साल में वो मंगल पर बसने वाली पहली इंसान होंगी. लेकिन इसका मतलब यह होगा कि वो अपने पति को दोबारा नहीं देख पाएंगी.
अमरीकी नागरिक सोनिया उन 705 लोगों में शामिल हैं, जिनके बीच से ही मंगल पर 20 से 40 लोगों की एक कॉलोनी बनाने के लिए लोग भेजे जाएंगे.
आवेदकों की लाइन
मंगल की यात्रा के लिए नीदरलैंड्स की एक कंपनी ने आवेदन मांगे थे. पिछले साल इसके लिए क़रीब दो लाख लोगों ने आवेदन किया था.
वो कहती हैं कि उनका चयन मंगल पर जाने के लिए हो, इसकी संभावना कम है. लेकिन वो इसका हिस्सा बनना चाहती हैं.
उनके पति जैशन स्टैनफ़र्ड जब उनसे हमेशा के लिए बिछड़ने की बात सोचते हैं, तो वो भावुक हो जाते हैं. लेकिन समय बीतने के साथ-साथ उन्होंने इसके लिए ख़ुद को तैयार कर लिया है.
स्टैनफ़र्ड कहते हैं, "जितना वह इसके बारे में बातें करती हैं, उतना ही मुझे लगता है कि जो वो कर रही है वह ठीक ही है. वह मानवता को यह दिखाने के लिए कह रही है कि हम एक साथ सबकुछ कर सकते हैं."
पत्नी के बिना जीवन
'टेक्सस पत्रिका' के लिए लिखे लेख में स्टैनफ़र्ड कहा है कि पत्नी के बिना रहना एक यंत्रणा होगी.
इस साल नवंबर में सोनिया और स्टैनफ़र्ड को साथ रहते हुए पांच साल हो जाएंगे. लेकिन वो जानते हैं कि अगले 10 साल ही ऐसा कर पाएंगे. क्या यह सोच कर उन्हें बुरा लगता है.
इस सवाल पर सोनिया कहती हैं, ''उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि वो पृथ्वी के अंतिम सिरे तक मुझे प्यार करते रहेंगे. हम इस बारे में नहीं सोचते कि दूसरे ग्रह पर क्या हो रहा है.''
स्टेनफ़र्ड कहते हैं कि उनके दो बेटों को लगता है कि सोनिया हीरो बनने जा रही हैं.
मार्स वन
मार्स वन अभियान का मकसद 2024 तक हर दो साल के अंतराल में, चार यात्रियों को मंगल पर भेजने का है.
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ एक निजी कंपनी स्पेश एक्स मंगल पर 2026 तक एक बड़ी आत्मनिर्भर कॉलोनी बसाना चाहती है.
हालांकि ख़ुद नासा की 2035 से पहले मंगल ग्रह पर इंसान भेजने की योजना नहीं है.