परंपरा के पालन के लिए
कुछ लोग सुहागरात को दूध पिलाने की तार्किक वजह भले ही ना जानते हों पर एक पवित्र परंपरा मान कर उसका पालन जरूर करते हैं। उनका कहनाहै कि विवाह एक पवित्र विधन है जिसमें एक स्त्री पुरुष एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं, और दूध, केसर, बदाम भी पवित्र माने जाते हैं इसलिए वो दूध प्रस्तुत करके परंपरा का पालन करते हैं।
दूध में है संबंध बनाने के लिए प्रेरक तत्व
आयुर्वेद की मानें तो दूध में ऐसे तत्व होते हैं जो आपकी रीप्रोडेक्टिव सेल को प्रेरित करने वाले होते हैं। यही वजह की दूध को कामोत्तेजक पेय माना जाता है। इसीलिए इसे सुहाग रात को पीना जरूरी है।
शरीर को पौष्टिकता और उत्तेजना का संतुलन देता है दूध
सुहाग रात को दूध पिलाने की परंपरा इसलिए भी शुरू हुई होगी क्योंकि दूध अकेला ऐसा पेय है जो एक साथ शरीर को उततेजित और नियंत्रित करने की क्षमता रखता है। इसे विभिन्न हर्बस के साथ आराम से पिया जाता है। ये पौष्टिकता से भरपूर तो होताही है आपके शरीर में भावनाओं का संतुलन भी बनाये रखता है।
सेक्सुसली एक्टिव बनाता है
दूध पुरूष के रीप्रोडेक्टिव सिस्टम को सक्रिय करके उसे सेक्सुअली एक्टिव बनाता है। ये सुहागरात में सबसे ज्यादा जरूरी तत्व है।
हारमोन रेट बढ़ाता है
दूध आपके हारमोन रेट बनाता है जो किसी के भी सुहागरात के अनुभव को सुखद और आनंददायक बनाने के लिए जरूरी है। साथ ही दूध पीने से तनाव कम होता है और इससे मूड भी अच्छा हो जाता है।
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