1. काफी अंदर तक करता है असर :-
कोई भी लड़का/लड़की पहले प्यार में तब पड़ता है जब वह टीनएज में होता है। 16-17 साल की उम्र ऐसी होती है कि हम चीजों को समझने तो लगते हैं लेकिन उनका प्रभाव क्या पड़ेगा इससे अनजान होते हैं। इस समय रोमांटिक फिल्में या सॉन्ग्स सुनकर हम प्यार की दुनिया में डूबने लगते हैं और किसी न किसी शख्स में अपना प्यार तलाशने की कोशिश करते हैं। वैसे यह प्यार अक्सर हमारे आसपास ही मिलता है क्योंकि प्रेमरोग लगने के बाद जितनी अपने प्यार से जितनी ज्यादा नजदीकियां हों उतना ही अच्छा लगता है। पहले प्यार की वो बातें हमें आज तक अच्छी लगती है अब भले ही हम मैच्योरिटी की चादर ओढ़ें हो लेकिन पहले प्यार ने दिल में जिस गहराई तक पैठ जमाई है उसे वहां से बाहर निकालना मुश्किल नहीं नामुमकिन ही है।

2. फिर होने लगती है प्यार की तुलना :-
आपका पहला प्यार एक नया उत्साह के साथ आता है। प्रेमी जोड़े न जाने कैसे-कैसे सपने देख लेते हैं। लेकिन यह सपनें तब चकनाचूर नजर आते हैं जब ब्रेकअप हो जाता है। इसके बावजूद पहले प्यार की वो बातें और यादें में जेहन में ताजा रहती हैं इसका प्रमाण तब मिलता है जब हम किसी नए रिलेशनशिप में जाते हैं। नए रिश्ते की शुरुआत में ही हमारे दिमाग में सबसे पहला सवाल यही आता है कि, इसके प्यार में और पहले प्यार में क्या अंतर है। जी हां हमारा दिमाग तुरंत पहले प्यार से तुलना करने लगता है। भले ही नया बंदा पहले से ज्यादा लॉयल हो लेकिन उसका प्यार पहले प्यार से थोड़ा फीका ही लगेगा।

3. आप बन जाते हैं जज :-

पहले प्यार से ब्रेकअप के बाद नए रिश्ते में आते ही आपके अंदर एक जजमेंट वाला व्यक्ितत्व पैर पसारने लगता है। यानी कि सामने वाले लड़के/लड़की की हर छोटी-छोटी बात को आप अपने पसंद और नापसंद के तराजू से तौलने लगते हैं। हालांकि ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि आप पहले जिस व्यक्ित से प्यार करके आए हैं उसे बिना शर्त चाहा था लेकिन उससे बिछुड़ने का गम कहीं न कहीं आपको जजमेंटल बना देता है।

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