कोलकाता नाइट राइडर्स इससे पहले एक बार गौतम गंभीर की कप्तानी में आईपीएल की चैंपियन रह चुकी है, जबकि किंग्स इलेवन पंजाब जॉर्ज बैली के नेतृत्व में पहली बार फ़ाइनल में पहुंची है.
फ़ाइनल मुक़ाबले में होने वाले संघर्ष को लेकर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ और कभी आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के सदस्य रहे आकाश चोपड़ा का मानना है कि मैच अच्छा होना चाहिए क्योंकि कोलकाता लगातार मैच जीतती चली आ रही है.
वह कहते हैं कि पिछले कुछ मुक़ाबलों में तो वह हारी भी नहीं है, लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब पर जीत का भरोसा अधिक है. इसका कारण वह सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग के ज़बरदस्त फॉर्म में वापस आने को मानते हैं जिन्हें मनन वोहरा का भी अच्छा साथ मिल रहा है.
पंजाब की टीम के पास ग्लेन मैक्सवैल, डेविड मिलर और कप्तान जॉर्ज बैली जैसे दूसरे धुरंधर बल्लेबाज़ भी हैं. इसके अलावा फ़ाइनल मुक़ाबला बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में है जहां बल्लेबाज़ों को बैटिंग पिच मिलने वाली है.
अगर मुक़ाबला कोलकाता के ईडन गार्डंस में होता तो पलड़ा कोलकाता का भारी रहता, लेकिन ऐसा नहीं है.
सहवाग का दम
वैसे इससे पहले लीग चरण में दोनों टीमों ने एक दूसरे के ख़िलाफ एक-एक मैच जीता था, लेकिन पहले क्वालीफ़ायर मुक़ाबले में कोलकाता ने बाज़ी मारते हुए पंजाब को 28 रन से हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी.
"सहवाग इस आईपीएल में अच्छा खेलेंगे ऐसी उम्मीद थी लेकिन चेन्नई के ख़िलाफ़ इतना शानदार शतक इस अंदाज़ में लगाएंगे, ऐसा नहीं सोचा था. इतनी अच्छी पारी तो उन्होने इससे पहले भी आईपीएल के सातों सीज़न में कभी नहीं खेली."
-आकाश चोपड़ा, पूर्व क्रिकेटर
लेकिन इसके बाद तमाम क्रिकेट पंडितों की इस भविष्यवाणी को पंजाब ने ग़लत साबित किया कि चेन्नई नॉकआउट जैसे बड़े मुक़ाबले जीतने में माहिर है और उसने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई को दूसरे क्वालीफ़ायर में 24 रन में मात दी.
उस मैच में सहवाग की 122 रनों की तूफ़ानी पारी को लेकर आकाश चोपड़ा कहते हैं कि वह इस आईपीएल में अच्छा खेलेंगे ऐसी उम्मीद थी लेकिन चेन्नई के ख़िलाफ़ इतना शानदार शतक इस अंदाज़ में लगाएंगे ऐसा नहीं सोचा था. इतनी अच्छी पारी तो उन्होंने इससे पहले भी आईपीएल के सातों सीज़न में कभी नहीं खेली.
सहवाग ने अपनी पारी में फ्रंट फुट, बैक फुट, ऑफ साइड, ऑन साइड सभी जगह शानदार खेल दिखाया और ऐसा लगा कि जैसे घड़ी की सुइयों को 10 साल पहले ले गए, जब वह ऐसा खेलते थे.
इसके बावजूद आकाश चोपड़ा कोलकाता की गेंदबाज़ी को थोड़ा बेहतर मानते हैं और किंग्स इलेवन पंजाब को स्पिनर सुनील नारायण से बचकर रहने की सलाह देते हैं.
इसे इत्तेफ़ाक़ कहा जा सकता है कि कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस आईपीएल का पहला मैच खेला और अब वह आखिरी मुक़ाबला भी खेलने जा रही है. कोलकाता नाइट राइडर्स ने पहले मैच में पिछली चैंपियन मुंबई इंडियंस को 41 रन से मात दी थी.
कोलकाता का सफर
दूसरी तरफ़ किंग्स इलेवन पंजाब ने इस बार बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए लीग चरण में 14 में से 11 मैच अपने नाम किए और केवल 3 मैच गंवाए.
कोलकाता नाइट राइडर्स ने एक बार पिछड़ने के बाद तब वापसी की जब सब इस टीम से उम्मीदें छोड़ चुके थे. यहां तक कि कप्तान गौतम गंभीर के बल्ले को भी जैसे सांप सूंघ गया था.
वह लगातार तीन बार शून्य पर आउट हुए और चौथी पारी में जाकर एक रन बनाया. अगर वह कप्तान नहीं होते तो शायद टीम से भी बाहर हो जाते लेकिन जैसे ही आईपीएल संयुक्त अरब अमीरात से भारत लौटा कोलकाता की गाड़ी भी पटरी पर लौट आई.
इसके बाद कोलकाता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक जीत हासिल करते हुए 14 में से नौ मैच जीते और उसे चार में हार का सामना करना पड़ा. चेन्नई ने भी कोलकाता की तरह नौ मैच जीते थे लेकिन नाइट राइडर्स ने रन रेट में उसे पीछे छोड़ते हुए अंक तालिका में दूसरा स्थान हासिल कर लिया.
अब पुराने आंकड़े भले ही कुछ कहें लेकिन अब यह तो रविवार शाम होने वाले फ़ाइनल के बाद ही पता चलेगा कि आखिरी बाज़ी किसके हाथ लगती है, लेकिन पंजाब के कोच संजय बांगर ने दिखा दिया है कि भारतीय खिलाड़ी मौक़ा मिलने पर क्या कर सकते हैं. बांगर इस आईपीएल में अकेले भारतीय कोच हैं.
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