मुंबई (आईएएनएस)। एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर का कहना है कि साहो की शूटिंग के दौरान उन्हें बंदूक पकड़ने में बहुत अच्छा लगा था। ये काम उन्हें इतना पसंद था कि यह महसूस होने लगा कि बंदूक उनके शरीर का ही एक हिस्सा है।
महसूस करती थीं कमी
श्रद्धा ने बताया कि उन्हें शूटिंग के दौरान बंदूक संभालना बहुत अच्छा लगा था।उन्होंने कहा कि बंदूक को पकड़ते हुए कुछ समय बाद वो इसकी इतनी आदि हो गईं कि गन को कोई अलग चीज नहीं बल्कि उनके शरीर का ही एक हिस्सा है ऐसा महसूस होना शुरू हो गया। जब शूटिंग नहीं होती थी या ब्रेक के दौरान वे अपने वैपन से इतना जुड़ाव महसूस करती थीं कि अगर वो उनके पास नहीं होता, तो वो उसकी कमी महसूस करती और उसके बारे में पूछताछ करना शुरू कर देती थीं।
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पुलिस ऑफिसर्स से हुईं इंप्रेस
श्रद्धा का कहना है कि वे इस बात से अच्छी तरह परिचित हैं कि बथियार को जिम्मेदारी से संभालना इंपोर्टेंट है और आपको सही तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए। वे कहती हैं तभी से वे पुलिस अधिकारियों से काफी इंप्रेस हो गई हैं कि वो कितनी कुशलता से अपनी गन संभालते और सही परिस्थितियों में समझदारी के साथ फौरन रिएक्ट करते हैं। सुजीत द्वारा निर्देशित, फिल्म साहो में प्रभास के साथ वे लीड रोल में नजर आईं हैं। इसके साथ ही इसमें नील नितिन मुकेश और जैकी श्रॉफ भी हैं।
आसान नहीं थी पुलिस अधिकारी की भूमिका
एक्शन ड्रामा साहो को तेलुगु, हिंदी और तमिल भाषाओं में एक साथ शूट किया गया था। श्रद्धा ने फिल्म में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है। अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक पुलिस वाले की भूमिका निभाना कोई आसान काम नहीं है, इसके साथ बहुत सारे अलग-अलग आस्पेक्ट जुड़े होते हैं। इसलिए, अपने किरदार अमृता के लायक बनने के लिए उन्होंने काफी ट्रेनिंग भी ली थी। इनमें कुछ एक्शन ट्रेनिंग के साथ बंदूक का इस्तेमाल कैसे करें ये भी सिखाया गया था। ट्रेनिंग के दौरान श्रद्धा को कुछ चोटें आईं, लेकिन चूंकि वह पहली बार एक ऐसा किरदार निभा रहीं थीं इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी और अपना बेस्ट दिया।
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