क्या हुआ जो धोनी को याद आयी कप्तानी
पिछले दिनों भारतीय वनडे और टी20 टीमों की कप्तानी छोड़ने के बाद महेंद्र सिंह धोनी इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में बतौर विकेटकीपर अपना पहला मैच खेल रहे थे। इंग्लैंड की टीम की पारी के दौरान वो विकेट के पीछे खड़े थे और तभी इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय के बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए गेंद उछली और सीधे धोनी के गल्व्ज में जा समायी। धोनी सहित कप्तान विराट कोहली, बॉलिंग कर रहे रवींद्र जडेजा और टीम के कई दूसरे सदस्यों ने उनके खिलाफ कॉट बिहाइंड की जोरदार अपील की लेकिन फील्ड पर मौजूद अंपायर ने उनकी अपील नहीं मानी।
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उस समय जेसन बहुत ही शानदार खेलते हुए 61 गेंदों में 73 रन बना चुके थे। भले ही अंपायर ने अपील रिजेक्ट कर दी थी लेकिन धोनी का विकेट के पीछे 10 सालों के अनुभव उन्हें आश्वस्त कर रहा था कि जेसन रॉय आउट हैं। और यही क्षण था कि धोनी भूल गए कि वो कप्तान नहीं है।
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बिना कप्तान की सलाह के मांगा रिव्यु
जैसे ही फील्ड अंपायर ने अपील को अस्वीकार किया, विकेट के पीछे खड़े धोनी ने बिना कोई देर किये रेफरल के लिए थर्ड अंपायर को इशारा कर दिया। सब दर्शकों सहित खिलाड़ी भी एक पल के लिए हैरान हुए कि एमएस ने बिना किसी से डिस्कस किए खुद ही रिव्यु के लिए थर्ड अंपायर को क्यों इशारा कर दिया। फिर शायद सभी समझ गए कि लगातार 9 सालों तक भारतीय टीम के कप्तान रहे माही को शायद याद नहीं रहा कि अब फैसले लेने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। पुरानी आदत के चलते उन्हें एकाएक ख्याल ही नहीं रहा कि वो अब कप्तान नहीं है और फैसला लेने की जिम्मेदारी विराट कोहली की है। हालांकि एमएस की रेफरल कॉल को विराट ने पूरा सम्मान दिया और स्वीकृति देदी। रिव्यु में कंफर्म हुआ की धोनी का फैसला सही था और खतरनाक दिख रहे जेसन रॉय को आउट होकर पैवेलियन वापस लौटना पड़ा।
इन पांच वजहों के चलते धोनी को छोड़नी पड़ी कप्तानी
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