सबरीमाला/ तिरुवंतपुरम (पीटीआई)। नए साल पर बुद्धवार को दो महिलाओं ने इतिहास रच दिया जब उन दोनों ने सबरीमाला मंदिर के अंदर प्रवेश किया। दोनों महिलाओं ने अपने इस कदम से सदियों से चली आ रही इस हिंदू परंपरा को तोड़ा है। बीजेपी और हिंदू संगठनों द्वारा केरल में करीब पांच घंटों तक हिंसक विरोध प्रदर्शन चला। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता और सीपीआई के बीच हिंसक झड़प हुई और काफी देर तक पथराव हुआ। वहीं पुलिस ने पानी और आंशू गैस के गोलों की सहायता से प्रोटेस्ट को कंट्रोल किया गया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पुतले को भी जलाया गया। इस दौरान बीजेपी की चार महिला मोर्चा सदस्यों को पुलिस ने अरेस्ट भी कर लिया।
जब इन दो महिलाओं ने मंदिर में किया प्रवेश
दो महिलाएं जिन्होंने सबरीमाला मंदिर में इस दौरान प्रवेश किया उनका नाम है कनकदुर्गा और बिंदु जिनकी उम्र 44 और 42 साल है। इन दोनों ने पुलिस की निगरानी में सुरक्षित ढंग से मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद प्रवेश किया। दरअसल सबरीमाला में भगवान अय्यपा को ब्रह्माचारी देवता माना जाता है इसलिए यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष तक की लड़कियों और महिलाओं के मंदिर में वर्जित प्रवेश को हटाया और उन्हें भी मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दे दी थी।
इससे पहले भी 11 महिलाओं ने की है ये कोशिश
कनकदुर्गा और बिंदु से पहले भी सबरीमाला मंदिर के अंदर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद करीब 11 महिलाओं ने प्रवेश की कोशिश की थी। उस वक्त वहां मौजूद भगवान अय्यपा के भक्तों ने अपने विरोध प्रदर्शन के लिए जोर-जोर से उनके भजन गाना शुरु कर दिए। ऐसे में वहां तनावा तो होना ही था। वहीं वहां मौजूद सभी महिलाएं सुबह पांच बजे से ही विरोध में सड़कों पर भीड़ लगा कर बैठ गई थीं। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की पर वो नहीं मानीं। बाद में पुलिस को उनके चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाना पड़ा। उस वक्त महिलाओं ने ठान ली थी की वो बिना देवता के दर्शन किए वापस नहीं लौटेगीं हालांकि ऐसा हो नहीं पाया।
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