फ्रेडरिक साकेर ने जब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन किया तो उन्होंने तस्वीर की जगह अपनी पेन्टिंग लगा दी. स्वीडन ट्रांसपोर्ट एजेंसी ने उनके लाइसेंस पर मुहर भी लगा दी. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि आखिर एजेंसी ने तस्वीर की जगह पेन्टिंग पर मुहर कैसे लगा दी. यहां तक कि खुद फ्रेडरिक को भी जब लाइसेंस मिला तो वो अचंभित रह गए.

ठेंगे पर कानून

फ्रेडरिक पर इन दिनों पेंटिग्स का भूत चढ़ा है और अब वो खुद को कुशल पेंटर भी मानने लगे हैं क्योंकि उनके काबिल पेंटर होने पर सरकारी मुहर लग गई है. दरअसल, फ्रेडरिक इस बात को साबित करना चाहते थे कि वो एक बेहद मंजे हुए पेंटर हैं और उनकी पेंटिग्स अगर तस्वीर की जगह लग जाए तो कोई उस फर्क को पहचान नहीं पाएगा. “मैं थोड़ा अचंभित हुआ जब मुझे लाइसेंस मिला लेकिन बहुत संतुष्ट भी हुआ.”

 

फ्रेडरिक ने इसके लिए स्वीडिश ट्रांसपोर्ट बोर्ड के कानून को बड़े ध्यान से पढ़ा. बोर्ड के कानून में ताजा तस्वीर लगाने की बात लिखी गई है लेकिन कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि वो तस्वीर पेंटिंग्स नहीं हो सकती. फ्रेडरिक ने लाइसेंस पर तस्वीर की जगह पेंटिग्स लगाने के पहले उसपर तकरीबन 100 घंटे तक काम किया.

बोर्ड की सफाई

स्वीडिश ट्रांसपोर्ट बोर्ड पर अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर विभाग ने लाइसेंस जारी करते वक्त तस्वीर पर ध्यान क्यों नहीं दिया. हालांकि, विभाग ने ‘डेगनेस नाइथर’ नाम के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है, “हमने मूल दस्तावेज का परीक्षण किया और फिर उसके पुराने लाइसेंस से उसका मिलान करके देखा. तस्वीर उसकी किसी भी अन्य तस्वीर की तरह ही थी और कोई कारण नहीं था कि इस पर सवाल खड़े किए जाए. ”

उधर, फ्रेडरिक इस कानून को कुछेक बार और तोड़ने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कुछ लोगों की तस्वीरें निकाली हैं और अब उसको पेंट कर रहे हैं जिसे वो लाइसेंस के लिए भेजेंगे. फ्रेडरिक चाहते हैं कि जब उनका ये मिशन कामयाब हो जाए तो उसकी एक प्रदर्शनी लगाए. ये शायद स्वीडिश पुलिस के खुली चुनौती भी हो सकती है.


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