कोली गैज़ार्ड अपनी बहन हॉली के बारे में बताती हैं, "मैं अपनी बहन हॉली के क़ातिल का चेहरा देखे बिना, उन दिनों को याद रखना चाहती हूं जब मेरी बहन बहुत खुश रहती थी।
इसी साल हॉली की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हॉली के पूर्व प्रेमी अशेर मस्लिन को इस हत्या के अपराध में उम्र क़ैद की सज़ा दी गई है और वह जेल में बंद हैं।
लेकिन 20 साल की हॉली की मौत के बाद उसके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल को अशेर मस्लिन की फ़ोटो के साथ ही स्मारक बना दिया गया। लेकिन अब फ़ेसबुक ने अशेर मस्लिन की फ़ोटो को हटा दिया है, जबकि पहले उसने ऐसा करने से मना कर दिया था।
हॉली कहती हैं, "हमने देखा कि वो फ़ोटो अब वहां नहीं हैं, हम यह देखकर बहुत खुश हुए।"
फ़ेसबुक का कहना है कि हमने ऐसा कॉपीराइट के अधीन एक अर्ज़ी मिलने के बाद किया।
फ़ेसबुक के एक प्रवक्ता के मुताबिक़, "हम अपनी स्मारक नीति में मृतक के परिवार की मदद करने की कोशिश करते हैं। हमारा मक़सद होता है कि वो अपने अजीज़ों को फ़ेसबुक पर याद करके खुश हों।"
बयान के अनुसार, "हम इसमें मृतक की गोपनियता का सम्मान भी रखते हैं। हमें इस मामले में कॉपीराइट के उल्लंघन की एक रिपोर्ट मिली थी, उसके बाद हमने उन सारी चीज़ों को हटा दिया जिसपर आपत्ति दर्ज़ की गई थी।"
हॉली के परिवार ने इसके लिए एक ऑनलाइन अर्ज़ी दी थी, जिसपर 11 हज़ार लोगों ने हस्ताक्षर किया था।
अब उसके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर वही दिखता है जो उसके परिवार के लोग देखना चाहते हैं। यानी हॉली के जीवन का वह पल जब वो खुश दिख रही हों।
फ़ेसबुक के मुताबिक किसी की मौत के बाद उसके परिवार का कोई सदस्य या उसका मित्र फ़ेसबुक को आवेदन भेज सकता है कि वो मृतक के प्रोफ़ाइल को एक स्मारक बना दे।
लेकिन जो भी इसके लिए आवेदन करेगा उसे संबंधित व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र जैसा कोई सबूत देना होगा।
उसके बाद मृतक के प्रोफ़ाइल की शेयर की हुई पोस्ट या फ़ोटो तो देखी जा सकती है लेकिन कोई भी इस प्रोफ़ाइल को लॉग-इन नहीं कर सकता है।
किसी भी यूज़र के पास यह विकल्प भी है होता है कि वह किसी को अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल का उत्तराधिकारी बना दे।
लेकिन ऐसे में भी एकाउंट को लॉग-इन नहीं किया जा सकता। इसलिए ऐेसा अधिकार पाकर भी किसी भी चीज़ को डिलीट करना संभव नहीं है।
वह केवल फ़्रेन्ड रिक्वेस्ट मिलने पर उसे स्वीकार करना या न करना, पिन पोस्ट भेजना, और प्रोफ़ाइल या कवर फ़ोटो को बदलने का ही अधिकार पाता है।
एक विकल्प यह भी है कि कोई भी फ़ेसबुक यूज़र यह आवेदन कर सकता है कि उसकी मौत के बाद उसके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल को डिलीट कर दिया जाए।
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