रांची की फ़्लाइट में आफ़ताब नामक इस युवक के कारनामे को अंजाम देने से रोकने में फ़्लाइट क्रू मेंबर्स कामयाब हुए और उसे पुलिस को सौंप दिया गया तो सिएटल से बीज़िंग जा रही बोइंग 767 फ़्लाइट में मौज़ूद दो महिला कर्मचारियों ने 23 वर्षीय अमरीकी युवक हुडेक की इस कोशिश को नाकाम किया।
क्या दरवाजे खोले जा सकते हैं?
अमरीकी मामले की जांच में लगे एफ़बीआई एजेंट के सामने विमान में मौजूद महिला कर्मचारी ने बताया कि "दरवाज़े का लीवर जैसे ही 90 डिग्री की स्थिति में आता है वैसे ही पायलट को दरवाज़ा खुलने की सूचना मिलती है। और कम ऊंचाई पर ऐसी स्थिति में इसकी पूरी संभावना होती है कि दरवाज़ा खुल जाएगा।"
लेकिन इसकी कितनी संभावना है? क्या विमान के भीतर यात्रा के दौरान पैसेंजर खुद दरवाज़ा खोलने में कामयाब हो सकते हैं? हवाई यात्रा करने वालों को यह जानना ज़रूरी है कि इसके दरवाज़े कैस काम करते हैं और उड़ान के दौरान अगर ये खुल जाएं तो इससे क्या होगा?
सरे विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के सीनियर लेक्चरर डेविड बर्च कहते हैं कि कम ऊंचाई पर दरवाज़े खुल भी सकते हैं। उनका कहना है, "आमतौर पर विमान के दरवाज़े हाइड्रॉलिक प्रेशर यानी उच्च दबाव के साथ बंद किए जाने के लिए डिज़ाइन होते हैं। हालांकि, केबिन का दबाव आमतौर पर सामान्य समुद्र की सतह पर हवा के दबाव की तुलना में कम होता है, इसलिए प्रेशर लॉक अधिक ऊंचाई पर ही काम करना शुरू करते हैं।"
घबराने की कितनी ज़रूरत?
डॉक्टर बर्च कहते हैं कि अगर हुडेक दरवाज़ा खोलने में कामयाब हो गया होता तो इससे लगे हवा भरे हुए स्लाइड्स (इमरजेंसी की स्थिति में यात्रियों के फिसल कर उतरने की व्यवस्था) सक्रिय होते और संभवतः हवा की ताक़त के कारण टूट भी जाते क्योंकि विमान सैकड़ों मील प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ रहा था।
उन्होंने कहा, "फिर भी अगर दरवाज़ा खुल गया होता तो स्थिति उतनी भयावह भी नहीं होती क्योंकि विमान कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसके अलावा यात्रियों को ऑक्सीज़न मास्क की भी ज़रूरत नहीं पड़ती। हां, ऐसी स्थिति
में विमान के भीतर तेज़ हवा, शोर आता और विमान धीरे-धीरे काफ़ी ठंडा हो जाता (हालांकि तापमान शून्य डिग्री तक नहीं गिरता)।"
बर्च ने कहा, "ऐसी स्थिति में पायलट दरवाज़ा खुलने की चेतावनी देखेंगे और संभवतः सुनेंगे भी कि कॉकपिट के बाहर कुछ ग़लत हो चुका है। वो इमरजेंसी की घोषणा करेंगे और फौरन ही स्थिति को ठीक (केबिन के भीतर दबाव के अंतर को कम) करने में लग जाएंगे।
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फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के नियम कहते हैं, उड़ान के दौरान जानबूझकर किसी व्यक्ति के दरवाज़ा खोलने की संभावना को कम करने के लिए विमान में तकनीकी व्यवस्था होनी चाहिए।
डॉक्टर बर्च ने कहा, "उड़ान के दौरान यह भी ज़रूरी है कि एक विमान खुले दरवाज़ों के साथ उड़ने के साथ ही लैंड भी कर सके और अगर उड़ान के दौरान किसी भी व्यक्ति दरवाज़ा खोल भी दिया तो ये सहयात्री के लिए परेशानी का कारण न बने।"
हुडेक के मामले में परिस्थिति कैसे नियंत्रित हुई? एफ़बीआई के अनुसार हुडेक द्वारा दरवाज़े का लीवर सरकाने के बाद महिला कर्मियों ने पायलट को सूचित किया और सहयात्रियों से हुडेक पर नियंत्रण पाने के लिए मदद मांगी।
हालांकि इस दौरान हुडेक ने एक सहयात्री पर शराब की बोतल से हमला कर दिया और वे लगातार चीखते भी रहे। 210 यात्रियों और 11 विमान चालक दल के सदस्यों को विमान की आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी और वहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
हुडेक पर विमान चालक दल के कामों में दख़ल देने का मामला चल रहा है और अगर वे दोषी पाए गए तो उन्हें 20 साल तक के क़ैद की सज़ा हो सकती है।
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