1- कुछ सैटेलाइट को ऐसी टेक्नोलॉजी से तैयार किया जाता है कि उनका काम होता है वो पृथ्वी पर सभी सक्रीय आग का मैप तैयार करें। एक कलर सिस्टम के जरिये वो आग के ताप को दिखाता है। जिसके जरिये आग को पहचाना जा सकता है।
2- समुद्र के कुछ रास्ते जहाजों की वजह से भरे होते हैं। इंटरनेशनल मेरी टाइम ऑर्गनाइजेशन समुद्र में जहाजों का एक्सीडेंट ना हो इसके लिये सैटेलाइट के जरिये डायग्राम तैयार करते हैं। इससे वो जहाजों के ट्रैफिक और उनके रूट को कंट्रोल करते हैं।
3- पर्यावरण को समझने के लिये भी वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट तैयार की है। इसका काम समुद्री जीवन को समझना होता है। पर्यावरण के बदलाव में समुद्र का अहम योगदान होता है। कैरेबियन और मैक्सिको के समुद्री किनारों पर सैटेलाइट के जरिये ही नजर रखी जाती है।
4- नासा की एक ब्रांड न्यू सैटेलाइट 2015 में लॉन्च की गई है। इस सैटेलाइट का काम है कि वो पृथ्वी के एक इंच पर कितना मॉस्चर है उसका मैप तैयार करे। सैटेलाइट यह भी देखती है कि कहीं धरती बर्फ से तो नहीं जमी है। इस प्रोग्राम को एग्रीकल्चर प्रोडेक्शन में प्रयोग किया जाता है।
5- लैंडसेट सैटेलाइट नासा की सैटेलाइट की तरह ही काम करती है। इसका काम होता है पक्षियों पर अध्यन करना है। ये पक्षियों की स्थिती और उनके प्रवास की जानकारी देती है।
6- समुद्र में हर साल 26 मिलियन टन फिश अवैध रूप से निकाली जाती है। इनका अध्यन करने के लिये एक ऐसा सैटेलाइट सिस्टम डिजाइन किया गया है जो समु्द्र में जाने वाली फिश बोट की जानाकरी देता है। एक बार सिस्टम पूरा तैयार होने के बाद ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि एक निश्चित समय के बाद सरकार को मछली पकड़ने पर रोक लगा देनी चाहिये।
7- विकासशील देशों की मदद करने के लिये भी सैटेलाइट को प्रोग्राम किया जाता है। सैटेलाइट के जरिये कम्यूनिकेशन और टेलीकम्यूनिकेशन एलाउ बेटर ऐक्सस करना शिक्षा और स्वास्थ सेवाओं का अवलोकन करना होता है।
8- सैटेलाइट के जरिये ही फोन और पेजर को चलाया जा सकता है। 1998 में जब एक सैटेलाइट ने काम करना बंद कर दिया था तो अमेरिका में 80 प्रतिशत पेजर ने काम करना बंद कर दिया था।
9- अंतरिक्ष में हो रहे क्रिया कलापों को जानने के लिये भी सैटेलाइट का प्रयोग किया जाता है। एस्ट्रोफिजीशिस्ट जमीन पर लगे टेलिस्कोप के जरिये ही ब्रम्हांड का अध्यन कर सकते हैं। लाइट की कई ऐसी फ्रिक्वेंशी है जिन्हें पृथ्वी पर नहीं देखा जाता है। सैटेलाइट के जरिये ही ब्रम्हांड में मौजूद कई चीजों को समझने में वैज्ञानिक सफल हुये हैं।
10- ग्लोबल फॉरेस्ट सिस्टम सैटेलाइट का डाटा यूज कर के ही बता पाते हैं कि कितनी जमीन पर जंगल है और कितनी जमीन कृषि योग्य है। इस डाटा के जरिये ही सड़क निर्माण और घरों का निर्माण किया जाता है।
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