बिना पासवर्ड के ब्राउजर पर होगा लॉगइन
इंटरनेट ब्राउजर के द्वारा कंप्यूटर सिस्टम में घुसकर तमाम फिशिंग साइट्स यूजर्स का पर्सपल और बैकिंग डेटा चुराने का काम करती हैं। इसके लिए कई बार फेक ईमेल का इस्तेमाल किया जाता है। अब आने वाले कुछ महीनों में इस पर लगाम लग जाएगी, क्योंकि वर्ल्ड के दो प्रमुख ब्राउजर क्रोम और फायरफॉक्स जल्दी ही पासवर्ड फ्री लॉगइन सिस्टम लेकर आ रहे हैं,जिसमें एक सेफ टोकन प्रोसेस से लॉगइन किया जा सकेगा। इय तरीके से ऑनलाइन यूजर्स को फिशिंग साइट्स और ईमेल से छुटकारा मिल सकता है। यह बात W3C और FIDO Alliance standards bodies द्वारा घोषित की गई है। आने वाले कुछ महीनों में ही हम आपको ब्राउजर पर लॉगइन का नया सिस्टम मिलने की उम्मीद है। ऐपल अपने ब्राउजर सफारी पर ये तकनीक कब अपडेट करेगा, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।
Yubikey token सिस्टम से कर सकेंगे अपने अकाउंट पर सेफ लॉगइन
कई सालों के प्रयास के बाद अब इस बात पर सहमति बन पाई है कि इंटरनेट यूजर्स को अपने अकाउंट में लॉगइन के लिए आईडी पासवर्ड नहीं बल्कि यूएसबी टोकन या बायोमेट्रिक इंप्रेशन जैसा सबसे सेफ लॉगइन ऑप्शन दिया जाए। बता दें कि दुनिया की दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और फेसबुक इंटर्नल लेवल पर पहले ही इस तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी हैं। इसके अंतर्गत अकाउंट लॉगइन के लिए Yubikey token का इस्तेमाल किया जाता है।
क्या है WebAuthn और इसकी उपलब्धि
WebAuthn इंटरनेट को चलाने वालों की दुनिया में बहुत अहमियत रखता है। इसका पूरा नाम है W3C and FIDO Alliance standards bodies। यहां W3C का मतलब है World Wide Web Consortium, यानि जो संस्था पूरी दुनिया में (WWW) वर्ल्ड वाइड वेब डोमेन एड्रेस सिस्टम को चलाती है। WebAuthn इंटरनेट सिस्टम के विकास और सुधार के लिए तमाम नए आयडिया और प्रोजेक्ट बनाती रहती है। इसी कड़ी में बिना पासवर्ड लॉगइन का यह तरीका खोजा गया है। WebAuthn पिछले दो साल से इस प्रोजेक्ट पर W3C का अप्रूवल लेने की कोशिश में है। इस बार की घोषणा से यह साफ हो गया है कि अबकी बार इंटरनेट पर लॉगइन करने का पूरा सिस्टम बदलने की तैयारी पूरी हो चुकी है और जल्दी पूरी दुनिया में इस नई तकनीक को लागू करने की प्रक्रिया शुरु हो सकती है।
FIDO standard वाले टोकन सिस्टम से होगा यूजर लॉगइन, ताकि हमारा डेटा रहेगा सेफ
इंटरनेट या पर्सनल डेटा अकाउंट लॉगइन करने का यह सिस्टम पूरी दुनिया में पहली बार इस्तेमाल नहीं हो रहा है। फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां इसका इस्तेमाल कर चुकी हैं। ब्राउजर्स पर इस लॉगइन सिस्टम को लागू करने के लिए FIDO standard फॉलो किया जाएगा। जिसके अंतर्गत लॉगइन के लिए कोई भी फिक्स कैरेक्टर्स नहीं होते, तभी तो यह पूरी तरह सेफ है और इसके लॉगइन डेटा को हैक करना या चुराना किसी के लिए भी आसान नहीं है। ऐसा करने से हमारा आपका फ्यूचर और डेटा होगा सेफ और फिशिंग फ्री।
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