अमरीका में उनकी पत्नी ने बीबीसी के साथ एक ख़ास बातचीत में  अल क़ायदा से उन्हें रिहा करने की अपील की है.

उन्होंने कहा है कि अल क़ायदा ने उन्हें रिहा करने के लिए जिस तरह की मांगें रखी हैं उन्हें वाइंस्टीन परिवार पूरा नहीं कर सकता क्योंकि वो आम नागरिक हैं.

अमरीकी सहायता एजेंसी यूएसएआईडी के लिए काम कर चुके वॉरेन वाइंस्टीन को ठीक दो साल पहले लाहौर से उनके घर से बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया गया था. उनके ज़िंदा होने के सबूत और कुछ मांगों के साथ अल-क़ायदा की तरफ़ से तीन वीडियो भी जारी हुए.

उनकी पत्नी ईलेन वाइंस्टीन का कहना है, “दो साल गुज़र गए, जन्मदिन गुज़र गए, हमारी शादी की 45वीं सालगिरह निकल गई लेकिन कहीं से कोई ख़बर नहीं आ रही है. हमारा सब्र ख़त्म हो रहा है.”

इंतजार

वाइंस्टीन परिवार के घर के बाहर लगे पेड़ से दो पीले फ़ीते बंधे हुए हैं. अमरीका में पीला फ़ीता किसी अपने के बेसब्री से इंतज़ार का प्रतीक है.

हर सुबह इलेन वाइंस्टीन कभी पाकिस्तान तो कभी अमरीका में अपने जाननेवालों को फ़ोन करती हैं. रातों को सो नहीं पातीं क्योंकि पाकिस्तान में सवेरा हो चुका होता है और उन्हें लगता है कि दिन के उजाले में शायद कुछ ख़बर आए.

बेटी जेनीफ़र इंटरनेट पर पाकिस्तानी अख़बारों में उनका नाम तलाश रही होती हैं. लेकिन पिछले एक साल से बिल्कुल सन्नाटा है.

वॉरेन वाइंस्टीन को जब अगवा किया गया, वो अमरीका लौटने की तैयारी कर रहे थे. अमरीका में अपने घर को दोबारा से सजाना चाहते थे. लेकिन दुनिया भर से जमा की हुई चीज़ें अभी भी गत्ते के डब्बों में बंद हैं उनके इंतज़ार में.

एक अमरीकी जो दो साल से अल-क़ायदा के कब्ज़े में है

उनकी पत्नी कहती हैं कि घर के छोटे बच्चों के मासूम सवालों का जवाब देना अब और मुश्किल होता जा रहा है.

वो कहती हैं, “बच्चे पूछते हैं कि क्या वो मेरे जन्मदिन पर आएंगे? बुरे लोगों ने उन्हें क्यों पकड़ रखा है? कहने में घबराहट होती है लेकिन शायद बच्चों को भी लगने लगा है कि वो शायद नहीं लौटेंगे.”

शर्त

अल क़ायदा के नेता  अयमन अल ज़वाहिरी ने एक वीडियो में वाइंस्टीन की रिहाई के बदले अमरीकी जेल में आतंकवाद के आरोप में बंद आफ़िया सिद्दीक़ी और ओमर अब्दुल रहमान उर्फ़ अंधा शेख की रिहाई की मांग की थी.

वाइंस्टीन की पत्नी कहती हैं, “ये ऐसी मांगें हैं जिनपर हमारा कोई ज़ोर नहीं है. हमें बताओ कि हम क्या कर सकते हैं उनकी रिहाई के लिए? हम आम नागरिक हैं.”

उनकी बेटी जेनिफ़र कहती हैं कि उन्हें कहीं से भी मदद नहीं मिल रही और उनका परिवार बस अब अपने सहारे है.

वॉरेन वाइंस्टीन पिछले आठ सालों से पाकिस्तान में काम कर रहे थे. पहले वो अमरीकी सहायता एजेंसी के लिए काम करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से वो एक निजी फ़र्म के लिए काम कर रहे थे जो पाकिस्तानी नागरिकों को छोटे-छोटे व्यापार चलाने पर सलाह मशविरा देती है.

एक अमरीकी जो दो साल से अल-क़ायदा के कब्ज़े में है

उनकी पत्नी कहती हैं कि वाइंस्टीन ख़ुद को पाकिस्तानी ही समझने लगे थे. उन्हीं की तरह कपड़े पहनते थे और वहां उनके बहुत सारे दोस्त थे.

अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि अमरीका पाकिस्तान के साथ संपर्क में है और जांच अभी भी जारी है.

पाकिस्तानी पुलिस ने बीबीसी को बताया कि जांच कुछ आगे बढ़ी है लेकिन वो इसपर कुछ कहना नहीं चाहेंगे.

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