भोपाल (आईएएनएस)। Waqf Amendment Bill: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पेश किए गए पहले महत्वपूर्ण विधेयक वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर तमाम मुस्लिम संगठन और विपक्ष पुरजोर विरोध पर उतर आया है। केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को कारगर बनाने का प्रयास करने वाले इस विधेयक को गुरुवार को संसद में पेश किया गया। वहीं मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने भी वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के केंद्र सरकार के कदम पर चिंता जताई है। कांग्रेस नेताओं, खासकर मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले या राज्य की राजधानी भोपाल सहित अल्पसंख्यक मतदाताओं वाले विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा का कदम बताया है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और विधायक (भोपाल मध्य) आरिफ मसूद उन कांग्रेस नेताओं में शामिल हैं जो वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। मसूद ने आईएएनएस से कहा, मैंने विधेयक में उल्लिखित सभी 40 बिंदुओं को पढ़ा है, मुझे उनमें से एक भी ऐसा नहीं मिला, जो मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद हो। यह वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को हड़पने का एक प्रयास है।
वक्फ बोर्ड को हड़पने का प्रयास किया जाएगा
भोपाल दक्षिण विधानसभा सीट से तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके शर्मा ने कहा, "वक्फ बोर्डों को संचालित करने के नियम पिछले कई दशकों से लागू हैं और इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वक्फ बोर्ड को हड़पने का प्रयास किया जाएगा।" इस पर संशोधन लाने की कोई जरूरत नहीं है। भाजपा को उत्तर प्रदेश (लोकसभा चुनाव में) में अभूतपूर्व हार मिली है, यही वजह है कि उसने यह फैसला लिया।'' मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड के तहत करीब 14,900 संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिनमें मदरसे, मस्जिद और कब्रिस्तान शामिल हैं। साथ ही, राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2022 में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पहचान के लिए हवाई सर्वेक्षण किया था और 21 जिलों में 9000 से अधिक संपत्तियों का पता लगाया था। हालांकि, इनमें से अधिकांश संपत्तियों पर या तो व्यक्तियों या भू-माफियाओं ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
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