नई दिल्ली (एएनआई)। उत्तर प्रदेश में ब्लॉक पंचायत प्रमुख चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है। मतदान दोपहर 3 बजे तक संपन्न होगा। वहीं इस दाैरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रियंका गांधी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा की घटनाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा है। प्रखंड अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की खबरें आई थीं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हिंसा की घटनाओं का विवरण देते हुए एक अखबार की क्लिपिंग साझा की।

'हिंसा' का नाम बदलकर 'मास्टरस्ट्रोक' कर देना चाहिए

राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में 'हिंसा' का नाम बदलकर 'मास्टरस्ट्रोक' कर देना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर एक महिला को नामांकन दाखिल करने से रोकने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है।उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो क्लिप भी शेयर किया, जिसमें लोग एक महिला के साथ बदसलूकी कर रहे हैं। प्रियंका ने कहा, 'कुछ साल पहले एक दुष्कर्म पीड़िता ने बीजेपी विधायक के खिलाफ आवाज उठाई थी, पूरे परिवार समेत उसे मारने की कोशिश की गई थी। आज बीजेपी ने एक महिला का नामांकन रोकने के लिए सारी हदें पार कर दी। वही सरकार वही व्यवहार।

राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है, लेकिन जंगल राज

बसपा प्रमुख मायावती ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है, लेकिन जंगल राज है। उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार में भी जंगलराज के अलावा कोई कानून नहीं है, जिसके तहत पंचायत चुनाव में असंख्य हिंसा हो रही है और लखीमपुर खीरी की एक महिला के साथ दुर्व्यवहार भी बहुत शर्मनाक है। क्या यह उनका कानून का शासन है और लोकतंत्र? यह सोचने वाली बात है।उन्होंने आगे पूछा कि जब दलितों के घर तबाह हो रहे हैं तो केंद्र और यूपी सरकार के दलित मंत्री चुप क्यों हैं? और अब आजमगढ़ जिले की तरह चन्दौली जिले के बर्थरा खुर्द गांव में भी दलितों के घरों को दबंगों द्वारा उजाड़ना व उत्पीड़न आदि करना क्या यही इनका दलित प्रेम है? व दुःख यह भी है कि अभी भी केन्द्र व यूपी सरकार के दलित मंत्री चुप हैं, क्यों? यह अति-चिन्तनीय।

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