ये चुनाव इसलिए ख़ास हैं क्योंकि सीरिया पिछले तीन साल से संघर्ष और संकट से जूझ रहा है जिसमें अब तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं जबकि बहुत से बेघर हैं.
इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति बशर अल असद की जीत तय मानी जा रही है. अगर ऐसा होता है तो वो तीसरी बार सीरिया के राष्ट्रपति बनेंगे और उनका कार्यकाल सात वर्ष का होगा.
असद के आलोचकों ने चुनावों को ख़ारिज किया है.
वैसे ये कई दशक में पहला मौका है जब एक से ज़्यादा उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. हालांकि असद के मुक़ाबले जो अन्य दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, वो ज़्यादा जाने माने नाम नहीं हैं.
इनमें एक हैं मेहर हजर और दूसरे हसन अल नूरी, ये दोनों उम्मीदवार उस तरह चुनाव प्रचार भी नहीं कर पाए जैसे राष्ट्रपति असद ने किया.
ऐतिहासिक मौका
जहां सीरिया के प्रधानमंत्री वाएल अल हल्की ने इन चुनावों को ऐतिहासिक मौका बताया है वहीं विपक्ष ने इसे ख़ारिज किया है.
सीरियाई प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वो ऐसा राष्ट्रपति चुनें जो देश की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित कर सके.
गृह मंत्रालय के मुताबिक़ देश के बाहर और भीतर कुल एक करोड़ 58 लाख मतदाता हैं और वोटिंग के लिए 9600 केंद्र बनाए गए हैं.
वैसे वोटिंग उन्हीं इलाक़ों में होगी जहां सरकार का नियंत्रण है. देश के कई इलाक़े या तो विद्रोहियों के कब्जे में हैं या उन्हें लेकर संघर्ष चल रहा है.
वहीं विपक्ष ने साफ किया है कि वो इन चुनावों में बाधा पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगा जबकि पश्चिमी देशों के समर्थन वाले सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन ने चुनावों का बहिष्कार किया है.
International News inextlive from World News Desk