पुतिन ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्टा असर साउथ कंट्रीज पर होने को लेकर चेताया है. सेंट पीटर्सबर्ग के एक इकॉनामिक फोरम में उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिबंध लगाने की शुरूआत करने वाले कंट्रीज पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. इससे फाइनेंनशियल सिचुएशन पर भी बुरा इफैक्ट पड़ता है. इसके साथ ही व्यापार की संभावनाओं पर भी अंकुश लग जाता है. उन्होंने माडर्न वर्ल्ड की रेलीवेंसी में इसे विडम्बनीय करार दिया.
यूनीपोलर वर्ल्ड का मॉडल फेल
उन्होंने यूएस के वैश्विक आर्थिक प्रभाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि एकाधिकार की पॉलिटिक्स करने वालों के लिए यहां कोई जगह नहीं है. यूनीपोलर वर्ल्ड के मॉडल को उन्होंने फेल करार दिया.
''अपने कल्चर को थोपने का तानाशाही रवैया अपनाने वाले देश सफल नहीं होते.''
- व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति
हद से ज्यादा हुआ खून खराबा
उन्होंने कहा कि आज के समय में लोग अपनी डेस्टिनी खुद डिसाइड करना चाहते हैं. वे अपनी सांस्कृतिक पहचान और सभ्यता खुद तय करना चाहते हैं. यूएस के प्रतिबंधों को यूरोप में कॉम्पटीशन बढ़ाने की खुद की सोच को उन्होंने बड़ी चूक बताया.
यूक्रेन के प्रेसीडेंशियल इलेक्शन के रिलल्ट्स का सम्मान उन्होंने जरूरी बताया. हालांकि वह मानते है कि इस विभाजनकारी हिंसा वाले इस सिविल वॉर में हद से ज्यादा नुकसान हो गया.
यूक्रेन मिलिट्री के 18 नौजवानों की मौत के ठीक एक दिन बाद एक अन्य मुठभेड़ में सात अन्य लोग मारे गए. यूक्रेन विवाद की शुरूआत से यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है.
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