न्यूयाॅर्क (आईएएनएस)। त्वचा पर सूरज की रोशनी पड़ने से शरीर में विटामिन डी हार्मोन के रूप से बनता है। यह हार्मोन या विटामिन शरीर में कैल्शियम और फास्फेट को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे शरीर की हड्डियां, दांत और मांस-पेशियां स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। कोविड-19 मरीजों की जांच को लेकर जेएएमए नेटवर्क ओपन जर्नल में एक शोध प्रकाशित हुआ है। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया है कि विटामिन डी की कमी और कोरोना वायरस से संक्रमण के बीच एक रिश्ता है।
विटामिन डी सप्लीमेंट देने से आरटीआई का खतरा कम
अमेरिका के शिकागो यूनिवर्सिटी के डेविड मेल्टजर ने कहा कि विटामिन डी इम्यून सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूर्व में भी यह देखने में आया है कि विटामिन डी के सप्लीमेंट देने से वायरल रेस्परटोरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई) का का खतरा कम हो जाता है। डेविड शोध के मुख्य लेखक भी हैं। उनका कहना था कि शोध के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 संक्रमण के लिए यह बात एकदम सही है। शोध के लिए टीम ने शिकागो यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में 489 मरीजों के कोविड-19 से संक्रमित होने से पहले उनके विटामिन डी का स्तर एक साल के दौरान मापा गया था।
विटामिन डी की कमी से संक्रमण का खतरा दोगुना
शोध में जानकारी मिली है कि जिन मरीजों में विटामिन डी की कमी थी और उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया तो उनके कोविड-19 से संक्रमित होने की दर दोगुनी थी। जबकि जिन मरीजों ने विटामिन डी की खुराक लेकर इस कमी को पूरा कर लिया था उनके कोविड-19 से संक्रमित होने की दर आधी थी। शोधकर्ताओं ने लिखा है कि अमेरिका की आधी जनसंख्या में विटामिन डी की कमी है। इनमें भी जो अफ्रीकन अमेरिकियों की संख्या आधी है। शिकागो जैसे शहर में लोगों की त्वचा जाड़े में सूरज की रोशनी बमुश्किल ही पड़ती है।
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