कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Vishwakarma Jayanti 2023 : विश्वकर्मा दिवस हर साल भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह 17 सितंबर को मनाया जाता है। दिन की गणना विशुद्ध सिद्धांत के आधार पर की जाती है। पूर्वी भारतीय राज्यों जैसे त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड में, विश्वकर्मा दिवस को विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाता है। विश्वकर्मा दिवस या विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा पूजा भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। विश्वकर्मा जयंती पर कार्यालयों, कारखानों और कार्यस्थलों में विशेष पूजा और प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं।
भगवान विश्वकर्मा बेहतरीन वास्तुकार
भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का बेहतरीन डिजाइनर यानी कि वास्तुकार माना जाता है। उन्होंने पवित्र द्वारका शहर का निर्माण किया जिस पर कृष्ण का शासन था। भगवान विश्वकर्मा ने ही महलों, हथियारों और सिंहासनों का निर्माण किया था। इसके अलावा भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए कई हथियार भी बनाए। इसलिए यह देश भर के शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। वहीं यह त्योहार बिहार और कुछ उत्तरी राज्यों में दिवाली के बाद मनाया जाता है।
विश्वकर्मा जयंती के दौरान अनुष्ठान
विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। इसके बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और लाल चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित करें। अपने हाथ में फूल और अक्षत लेकर उनका ध्यान करें इसके बाद अपनी मशीन और हजारों में रक्षा सूत्र बांधे। भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद मशीनों और औजारों की आरती करें। अंत में भगवान विश्वकर्मा के समक्ष कार्यक्षेत्र में तरक्की के लिए प्रार्थना करें।
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