कानपुर। भारत बनाम इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट हारते ही भारत के हाथों से सीरीज निकल गई। भारत इस सीरीज में 1-3 से पिछड़ गया अब पांचवां और आखिरी टेस्ट विराट सेना जीत भी जाए तो सीरीज अपने नाम नहीं कर सकती। इस हार का सबसे ज्यादा पछतावा भारतीय कप्तान विराट कोहली को होगा क्योंकि उन्होंने एक ऐसा मौका गंवा दिया जो शायद ही फिर कभी आए। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, इंग्लैंड मे आज तक सिर्फ तीन कप्तान (अजित वाडेकर, कपिल देव और राहुल द्रविड़) ही टेस्ट सीरीज जीत पाए हैं, कोहली भी चौथे कप्तान बन जाते मगर उनकी टीम की कुछ गलतियों ने उन्हें 'विराट' नहीं बनने दिया।
पहली बार इंग्लैंड का टॉप ऑर्डर रहा फ्लॉप
भारत चाहता था तो यह सीरीज आसानी से जीत सकता था क्योंकि विराट के सामने अब तक की सबसे कमजोर टेस्ट टीम थी। भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट रिकॉर्ड 86 साल पुराना है। मगर मौजूदा वक्त में इंग्लैंड के टॉप 5 बल्लेबाजों को जैसा प्रदर्शन है, वैसा कभी नहीं रहा। इस सीरीज में अभी तक खेले गए चार टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के टॉप 5 बल्लेबाजों का बल्लेबाजी औसत मात्र 20.5 का है। इतना कम औसत आज तक नहीं रहा। भारतीय टीम दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम क्यों है इसे साबित करने का विराट के पास इससे बेहतर मौका नहीं होता। मगर भारतीय बल्लेबाज इस अवसर का फायदा नहीं उठा पाए। उन्हें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं थी, हर एक खिलाड़ी 30-35 रन बना देता तो यह सीरीज विराट के हाथों में होती।
टॉप 5 बल्लेबाजों में किसी ने नहीं मारी सेंचुरी
रिकॉर्ड्स पर नजर डालें तो भारत ने इंग्लैंड में इससे पहले 17 टेस्ट सीरीज खेली थीं और हर बार इंग्लिश टीम के टॉप 5 बल्लेबाजों में किसी न किसी ने शतक जरूर लगाया था मगर यह पहला मौका है जब मौजूदा सीरीज में इंग्लैंड के शुरुआती पांच बल्लेबाज कोई शतक नहीं लगा पाए। इस लिहाज से देखा जाए तो इंग्लैंड की यह क्रिकेट इतिहास की सबसे कमजोर टॉप ऑर्डर बैटिंग है। विराट कोहली को इससे ज्यादा आसान बल्लेबाजी क्रम अब नहीं मिलने वाला क्योंकि 12 हजार से ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले एलिस्टर कुक जब आपके सामने टिक नहीं पाए तो इससे ज्यादा आप क्या उम्मीद कर सकते हैं।
फिर किसने जिताया इंग्लैंड को
इंग्लैंड का टॉप ऑर्डर फेल होने के बावजूद मेजबान टीम सीरीज कैसे जीत गई? इसका जवाब है उनके निचले क्रम के खिलाड़ी। बेन स्टोक्स से लेकर सैम करन और मोइन अली तक इंग्लैंड को जीत 7वें नंबर से लेकर 11वें नंबर के खिलाड़ियों ने ही दिलाई है। वहीं भारत के पास सिर्फ एक भरोसेमंद खिलाड़ी विराट कोहली थे। निचले क्रम में हार्दिक पांड्या ने जहां काफी निराश किया वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कम अनुभव के चलते हर बार विकेट फेंककर चले आए।
चार साल बाद विराट को मौका मिलेगा या नहीं
यह सीरीज हारने के बाद विराट कोहली को चार साल बाद ही इंग्लैंड में खेलने का मौका मिलेगा। तब तक वह टीम के कप्तान रहते हैं या नहीं यह तो वक्त बताएगा। क्योंकि इंग्लैंड में आज तक कुल 12 कप्तानों ने टेस्ट सीरीज खेली जिसमें सिर्फ 3 कप्तान ऐसे रहे जिन्हें लगातार दो सीरीज में कप्तान का मौका मिला। ये कप्तान थे, अजित वाडेकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और एमएस धोनी...अब विराट इस लिस्ट में शामिल हो पाते हैं या नहीं, या फिर उनका इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा। यह तो आने वाला वक्त बताएगा।
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