कानपुर। भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट का पहला दिन युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के नाम रहा। 18 साल के पृथ्वी का यह डेब्यू टेस्ट था और उन्होंने शतक लगाकर इतिहास रच दिया। भारतीय टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ 15 बल्लेबाज ऐसे हैं जो अपने पहले टेस्ट में शतक लगा पाए, शॉ उनमें से एक हैं। मौजूदा वक्त में टीम के स्टार बल्लेबाज माने जाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली भी इस रिकॉर्ड से अछूते रहे हैं। कोहली अपने डेब्यू टेस्ट में शतक तो छोड़िए दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाए थे।
विराट ने डेब्यू टेस्ट में बनाए थे मात्र 4 रन
क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, पृथ्वी शॉ की तरह विराट कोहली ने भी साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ही अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। मगर कोहली की किस्मत पृथ्वी शॉ की तरह नहीं थी। पृथ्वी ने जहां डेब्यू टेस्ट में 134 रन की शतकीय पारी खेली, वहीं कोहली अपनी पहली पारी में सिर्फ 4 रन बना पाए थे। विराट के लिए रन बना पाना इसलिए भी आसान नहीं था क्योंकि ये मैच वेस्टइंडीज में खेला गया था। एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने विंडीज गई थी। जहां पहला टेस्ट किंग्सटन में खेला गया।
दूसरी पारी में भी रहे थे फ्लॉप
पहले टेस्ट की प्लेइंग इलवेन में तब युवा रहे विराट कोहली को खेलने का मौका मिला था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया और मुरली विजय, वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज जहां फेल हुए तब 5वें नंबर पर विराट कोहली को बल्लेबाजी के लिए उतारा गया। कोहली ने 10 गेंदें ही खेली थीं कि 4 रन पर विकेटकीपर को कैच देकर चलते बने। बता दें विराट ने यह चार रन चौके से बनाए थे। दूसरी पारी में विराट को फिर बल्लेबाजी का मौका मिला मगर इस बार भी कोहली अपनी पहचान बनाने में नाकाम रहे। वह 54 गेंदों में सिर्फ 15 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। खैर टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ की शतकीय पारी की बदौलत भारत यह मैच 63 रन से जीत गया था।
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